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तुर्की: खदान दुर्घटना में 200 की मौत

१४ मई २०१४

तुर्की में खदान हादसे में मृतकों की संख्या 200 तक पहुंच गई है. कोयला खदान में मंगलवार शाम धमाके के बाद आग लग गई. बचाव कार्य जारी है लेकिन खदान से लोगों को निकाल पाना मुश्किल साबित हो रहा है.

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तस्वीर: picture alliance/abakapress

पूर्वोत्तर तुर्की में सोमा की इस खदान में जिस समय दुर्घटना हुई, उस समय 787 कर्मचारी वहां मौजूद थे. शिफ्ट बदलने का वक्त था. खनिकों के मुताबिक जमीन के नीचे अभी भी आग लगी हुई है. इस कारण बचाव कार्य में मुश्किल भी आ रही है. दुर्घटना स्थल पर धुएं का गुबार फैला है.

खदान में फंसे कर्मचारियों को बचाए रखने के लिए वहां ऑक्सीजन पम्प की जा रही है. बाहर मजदूरों के परिजन बहुत बेसब्री से अच्छी खबर का इंतजार कर रहे हैं. माना जा रहा है कि दुर्घटना इलेक्ट्रिक फॉल्ट के कारण हुई. करीब 80 लोगों को जिंदा निकाला गया है. जिसमें कई राहतकर्मी भी हैं. चार की हालत गंभीर है.

कोल्ड स्टोरेज की बिल्डिंग और खाना ठंडा रखने वाले ट्रकों में इमरजेंसी अस्पताल बनाए गए हैं. स्थानीय अस्पताल भर चुके हैं. अभी भी 200 से ज्यादा लोग लापता हैं. हादसे की शुरुआत होते ही मंगलवार शाम आग तो बुझा दी गई थी लेकिन जमीन के नीचे दो किलोमीटर लंबी सुरंग से भारी धुआं निकल रहा है. मजदूर जमीन से दो किलोमीटर नीचे और बाहर निकलने की जगह से चार किलोमीटर अंदर की तरफ हैं. सोमा की खदान में सुरक्षा परीक्षण दो महीने पहले किए गए थे. स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट की है कि सत्ताधारी एकेपी (न्याय और विकास पार्टी) ने पिछले महीने विपक्ष की सोमा खदान में सुरक्षा चेक करने की मांग को खारिज कर दिया था.

Türkei Explosion in Bergwerk
तस्वीर: Reuters

सोशल मीडिया पर इस दुर्घटना के मद्देनजर सरकार की क़ड़ी आलोचना की जा रही है. कई लोगों ने मांग की कि खदान चलाने वाली कंपनी सोमा कोमुर इस्लेतमेलेरी के इस्तांबुल मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किए जाएं. कंपनी ने दुर्घटना के बाद मंगलवार देर रात कहा, सबस्टेशन पर हुए धमाके के कारण एक गंभीर दुर्घटना हुई है.

प्रधानमंत्री रेचेप तैयब एर्दोआन ने अल्बानिया की यात्रा रद्द कर दी है और दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हो रहे हैं. देश के श्रम मंत्रालय ने बताया है कि अधिकारियों ने मार्च में खदान का नियमित निरीक्षण किया था लेकिन इसमें कोई अनियमितता सामने नहीं आई.

तुर्की की कोयला खदानों में दुर्घटनाएं आम हैं. लेकिन ये पिछले दो दशक में हुई सबसे गंभीर दुर्घटना है. इससे पहले 1992 में काला सागर के पास हुई दुर्घटना में 260 लोग मारे गए थे.

एएम/ओएसजे (डीपीए, रॉयटर्स)