1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

कारों की बदलती दुनिया

१५ मार्च २०१४

एक समय था जब ऑटोमोबाइल की दुनिया में सब कुछ सीधा सादा सा होता था. शोरूम में कारों को उनके डिजाइन, आकार, सुविधाओं, सुरक्षा, कीमत और हॉर्सपॉवर के आधार पर परखा और खरीदा जाता था. लेकिन अब चीजें बदल गई हैं.

https://p.dw.com/p/1BQ0g
तस्वीर: DW/Jennifer Fraczek

पहले कारों के नए मॉडल हर छह साल पर आते थे. हर कंपनी अपना मॉडल खुद डेवलप करती थी, कंपनियों के बीच सहयोग तब सनसनी मानी जाती थी. युवा लोग कारों का सपना समृद्धि के प्रतीक और समाज में अपने रुतबे के रूप में देखते थे. कारों के मार्केटिंग विशेषज्ञ श्टेफान ब्रात्सेल कहते हैं, "इन दिनों ग्राहकों की पसंद नाटकीय ढंग से बदल गई है."

ग्राहकों के रवैये में आए बदलाव को टायर और कंपोनेंट बनाने वाली कंपनी कॉन्टीनेंटल की रणनीति में देखा जा सकता है. उसने जनवरी में विस्तृत नक्शे बनाने की घोषणा की है जिसका इस्तेमाल ऑटोपाइलट पर ड्राइव की जाने वाली ऑटोनोमस कारों में किया जाएगा. कॉन्टी के प्रमुख एल्मार डेगेनहार्ट कहते हैं, "हमारी जिंदगी का डिजीटलाइजेशन तेजी से जारी है. यह मोबिलिटी और औद्योगिक उत्पादन दोनों को बदल रही है. यह नए उत्पादों में हमसे ज्यादा खुलेपन की मांग कर रही है."

बाजार में भारी उथल पुथल है. सर्च इंजन कंपनी गूगल ने हाल में नेविगेशन ऐप वेज को खरीद लिया जो यूजर्स को ट्रैफिक की हालत के बारे में एक दूसरे को बताने में मदद देता है. गूगल बिना ड्राइवर के चलने वाली गाड़ियों का परीक्षण कर रहा है. रोड पर आजादी के मामले में दो बड़े और फायदेमंद औद्योगिक क्षेत्र एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा में हैं. ब्रात्सेल कहते हैं, "कार निर्माताओं के बिजनेस मॉडल में भारी बदलाव आया है."

ऑटोमोबाइल तकनीक के इलाके वर्चुअल मुद्दे बनते जा रहे हैं. कॉन्टी नेटवर्क सिस्टम सप्लायर सिस्को और आईबीएम के साथ निकट सहयोग कर रहा है. इन दो क्षेत्रों के बीच पहले कोई सहयोग नहीं होता था. कॉन्टी के प्रमुख डेगेनहार्ट का कहना है कि इंटरनेट सिर्फ कारों में ही नहीं आ रहा है, बल्कि कुछ समय में कार इंटरनेट का हिस्सा हो जाएगी. कारों के विशेषज्ञ ब्रात्सेल भी कुछ ऐसा ही देखते हैं, "यह सब दिखाता है कि ग्राहक तेजी से दूसरी दुनिया में जा रहे हैं. कार चलता फिरता ऐप प्लेटफॉर्म बनती जा रही है."

पिछले सौ सालों में कार निर्माताओं ने इन मामलों में बहुत कम अनुभव हासिल किया है. लेकिन अब तेजी से विकास हो रहा है. मर्सिडीज के एक मैनेजर ने हाल ही में मर्सिडीज मी नामके ट्रैंडी शब्द का इस्तेमाल किया है. एक पूरी नई दुनिया कारों को अपना ठिकाना बनाने जा रही है. कारों के मालिक बिना हाथ का इस्तेामल किए टेलिफोन बुक देखने जैसे उपकरणों की मांग करने लगे हैं. इस तरह की कार बाजार में हैं जो सबसे छोटा और किफायती रास्ता खोजते हैं और रास्ते में जाम होने पर ड्राइवर को चेतावनी देते हैं तथा नया रास्ता बताते हैं. सर्विसिंग की डेट आने पर कार मालिकों को अपने आप चेतावनी देते हैं और डीलर के साथ अपॉइंटमेंट तय करते हैं.

Audi computergesteuerte Fahrzeuge
कम्प्यूटर चालित कारतस्वीर: picture-alliance/dpa

बहुत से विशेषज्ञों का मानना है कि हाईवे पर दस साल के अंदर बिना ड्राइवर वाली गाड़ी चलने लगेगी. डेगेनहार्ट कहते हैं, "हमें यह भी भरोसा है कि सड़कों पर दुर्घटनाएं के बारे में म्यूजियम में चर्चा होगी." हर कहीं लोग इसी तरह सोच रहे हैं. फोल्क्सवागेन के प्रमुख मार्टिन विंटरकॉर्न ने हाल में टिप्पणी की, "आने वाले कुछ सालों में हमारे उद्योग में मोटर कार के आविष्कार के बाद की सबसे बड़ी उथल पुथल होगी." मोबिलिटी के बारे में लोगों का नजरिया तेजी से बदल रहा है और कारों से लोगों की उम्मीदें भी बदल रही हैं.

कॉन्टी प्रमुख डेगेनहार्ट यह नहीं मानते कि कार बनाने के तरीके में कोई बदलाव आएगा या हर तीन साल पर मॉडल बदले जाएंगे. लेकिन दूसरी ओर डिजीटल उपकरणों की जिंदगी कम होती जा रही है. नियमित रूप से उनकी अपडेटिंग भविष्य का नारा होगा. और यह मोटर उद्योग को जिंदा रखेगा. ब्रात्सेल का कहना है कि हर हालत में कार निर्माताओं और कंपोनेंट सप्लायरों का रिश्ता बदल जाएगा. उद्योग का शक्ति संतुलन सप्लायर की ओर झुक रहा है और इसकी वजह नए आविष्कारों के अलावा ग्राहक भी हैं.

एमजे/एएम (डीपीए)