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तो यह है शैंपेन डालने का सही तरीका!

१३ अगस्त २०१०

शैंपेन को आप गिलास में किस तरह डालते हैं? वही मशहूर अंदाज के गिलास को जरा सा टेढ़ा किया जाए और फिर बोतल से धीरे धीरे शैंपेन में उसमें सरकाई जाए ताकि उसका मजा बुलबुलों में बर्बाद न हो जाए? हां, तो यह पढ़िए.

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कैसे डालें शैंपेनतस्वीर: picture-alliance / Bildagentur Huber

आप बिल्कुल सही करते हैं. यह बात अब वैज्ञानिक आधार पर भी साबित हो गई है. फ्रांस के वैज्ञानिकों के मुताबिक शैंपेन डालने का यही सबसे बढ़िया तरीका है. इससे शैंपेन का टेस्ट बरकरार रहता है. बस वैज्ञानिकों ने इसमें एक बात और जोड़ने की गुजारिश की है. शैंपेन चिल्ड यानी बेहद ठंडी होनी चाहिए.

फ्रांस की रेअस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अरसे से चली आ रही उस बहस का जवाब खोजने की कोशिश की है कि शैंपेन को डालने का सही तरीका क्या है. वैज्ञानिकों ने इसके लिए साइंस का सहारा लिया है. उन्होंने प्रयोगों के जरिए यह पता लगाया कि अलग अलग तरीकों से शैंपेन को गिलास में डालने पर कितनी कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर निकल जाती है.

उन्होंने खास तौर से दो तरीकों पर ध्यान दिया. एक में शैंपेन को गिलास के बीचोंबीच सीधा डाला गया जबकि दूसरे में गिलास को जरा सा टेढ़ा किया गया और किनारी से शैंपेन को हौले हौले गिलास में सरकाया गया. जर्नल ऑफ एग्रीकल्चर एंड फूड केमिस्ट्री में छपी रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने लिखा है, "दूसरे तरीके से शैंपेन को डालने में दोगुनी से भी ज्यादा कार्बन डाई ऑक्साइड की बचत हुई क्योंकि दूसरा तरीका शायद सरल है."

वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में यह भी पाया कि शैंपेन का तापमान कम होना चाहिए. आदर्श स्थिति में 3.8 डिग्री सेल्सियस तापमान हो तो कार्बन डाई ऑक्साइड का नुकसान कम से कम होता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़