दिल्ली में धरा गया ग्लोबल धोख़ेबाज़
१३ मई २०१०नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटनेशनल एयरपोर्ट पर उतरते ही यूक्रेन के सेर्गे वी स्तोर्चाक को ग़िरफ़्तार कर लिया गया. सर्गे की पहचान उसके पासपोर्ट (AX-332255) से हुई. एयरपोर्ट पर जांच के दौरान उसे सीआईएसएफ़ ने ग़िरफ़्तार किया और पुलिस के हवाले कर दिया.
सर्गे पर आरोप हैं कि उसके दुनिया भर के कंप्यूटर सिस्टम हैक कर हज़ारों क्रेडिट कार्डों की गोपनीय जानकारियां चुराई. इसके बाद सर्गे ने इन क्रैडिट कार्डों ने जमकर ख़रीदारी की. अमेरिकी अधिकारियों की जांच में पता चला है कि उसे सर्गे के ईमेल खाते से 16,000 क्रेडिट कार्डों के नंबर मिले. इन कार्डों की वजह से आरोपी ने अलग अलग कंपनियों को 1.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी 76 करोड़ रुपये से ज़्यादा का चूना लगाया.
अमेरिकी एजेंसियों ने भारत को सर्गे की जानकारी दी थी. अधिकारियों को बताया गया था कि आरोपी गोवा से नई दिल्ली की तरफ़ जाने वाला है. ग़िरफ़्तारी के बाद सर्गे को अदालत ने 22 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अब अमेरिकी अधिकारी सर्गे को अपने साथ ले जाने की तैयारी कर रहे हैं. उस पर अमेरिका में मुकदमे चल रहे हैं.
अमेरिकी जांच एजेंसी एफ़बीआई का कहना है कि सर्गे के अलावा दस और लोगों की ग़िरफ़्तारी की कोशिशें की जा रही है. इन सभी लोगों पर चार करोड़ से ज़्यादा क्रेडिट कार्डों की डिटेल चुराने और बेचने के आरोप हैं. इनमें ज़्यादातर अमेरिकी नागरिक हैं, कुछ आरोपी चीन के भी हैं. ब्रिटेन की एक कंपनी मान चुकी हैं कि उसके डेटाबेस से क़रीब पौने पांच करोड़ लोगों के क्रेडिट कार्ड डिटेल चुराए गए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा मोंढे