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दिल्ली में नए साल की ऑड-इवेन शुरुआत

ऋतिका राय (एएफपी, पीटीआई)१ जनवरी २०१६

दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के संकल्प के साथ भारतीय राजधानी में नए साल की शुरुआत हुई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पहल पर दिल्ली में 15 दिनों तक चलने वाली ऑड-इवेन योजना जारी.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/H.Tyagi

जनवरी की पहली तारीख को नई दिल्ली का सड़कों पर 10 लाख से भी अधिक कारों को उतारने पर प्रतिबंध था. दिल्ली प्रशासन की नजर दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बन चुकी दिल्ली के स्मॉग को काटने और हवा साफ करने पर है. साल के पहले 15 दिनों तक कार के अंतिम नंबर के ऑड होने पर उसे केवल ऑड तारीखों और इवेन होने पर केवल इवेन तारीखों को ही सड़कों पर चलाया जा सकेगा. दिल्ली का प्रदूषण स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुरक्षित स्तर से 10 गुना तक ज्यादा रहता है.

दिल्ली सरकार की इस स्कीम के पहले कसूरवार बने एक व्यक्ति पर 2,000 रूपए का जुर्माना लगा. ट्रैफिक पुलिस की करीब 200 टीमें, यातायात विभाग की 66 इनफोर्समेंट टीमें और सब डिविजन मैजिस्ट्रेट की 40 टीमें पूरे शहर में स्कीम को ठीक से लागू करवाने की जिम्मेदारी निभा रही हैं. इनके अलावा कई वॉलंटियर्स भी जागरुकता फैलाने में अपना योगदान देने आगे आए. खुद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने दफ्तर जाने के लिए अन्य लोगों के साथ कार-पूल किया और दिल्लीवासियों के सहयोग पर खुशी जताई.

ट्रायल आधार पर चलाई जा रही इस ऑड-इवेन योजना के अलावा राजधानी को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए कोयला से चलने वाले कुछ बिजली संयंत्रों को बंद करने और सड़कों पर धूल कम करने के लिए उनकी वैक्यूम तकनीक से सफाई करने का भी प्लान है. गाड़ियों के कुल प्रदूषण का करीब 31 फीसदी हिस्सा केवल मोटरसाइकिलों से ही आने की बात कही गई है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2014 के एक सर्वे में पाया गया था कि दुनिया के 1,600 शहरों में से दिल्ली सबसे प्रदूषित थी. कारण सड़कों पर 85 लाख से भी अधिक गाड़ियों का होना भी बताया गया. कारों की लगातार बढ़ती बिक्री के कारण औसतन 1,400 अतिरिक्त गाड़ियां हर दिन दिल्ली की सड़कों पर उतरती हैं. कई आलोचक इतनी सारी कारों और दुपहिया वाहनों को इस ट्रायल से बाहर रखे जाने की निंदा कर रहे हैं. इस स्कीम में वीआईपी समेत 25 श्रेणियों के लोगों को छूट दी गई है.

भारतीय राजधानी में स्मॉग की चादर अब आम बात हो चुकी है. पीएम 2.5 माइक्रोमीटर के बारीख कण दिल्ली की हवा में खतरनाक स्तर तक घुले हुए हैं. इससे भी छोटे कण आसानी से फेफड़ों में पहुंचकर कई तरह की बीमारियां पैदा करते हैं. खून में मिल जाने पर यह ब्रॉन्काइटिस, फेफड़ों का कैंसर और दिल की बीमारियां भी देते हैं. सेहत को लेकर गंभीर चिंता में डूबे नागरिकों के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में नई बड़ी डीजल गाड़ियों की खरीद पर अस्थाई रोक और डीजल ट्रकों पर टैक्स को दोगुना करने का आदेश जारी किया है.