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हलाल फूड की बढ़ती मांग

१५ मार्च २०१४

हलाल खाद्य और लाइफस्टाइल उत्पादों का वैश्विक उद्योग सैकड़ों अरबों डॉलर का है. दुनिया भर में मुसलमानों की आबादी बढ़ने के साथ हलाल उत्पादों से जुड़ा उद्योग भी तेजी से बढ़ रहा है.

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तस्वीर: picture alliance / dpa

इस्लामी कानून के मानकों पर तैयार किए गए उत्पाद को हलाल कहा जाता है. हलाल उत्पादों के बाजार पर कब्जा जमाने के लिए अमेरिका, ब्राजील से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक गैर मुस्लिम देश उत्सुक हैं. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) खुद को उन देशों के लिए प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित करना चाहता है. यूएई खुदको इस्लामी व्यापार और वित्त केंद्र के रूप में स्थापित करना चाहता है. यूएई ने पिछले महीने एलान किया था कि दुबई के औद्योगिक शहर में 67 लाख वर्ग फुट जमीन हलाल उद्योग से जुड़ी कंपनियों के लिए समर्पित की गई है. यहां पर हलाल खाद्य सामग्री, सौंदर्य प्रसाधन और व्यक्तिगत देखभाल से जुड़ी चीजों का उत्पादन हो पाएगा. दुबई औद्योगिक शहर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्लाह बेलहोल के मुताबिक केवल हलाल उत्पादकों के लिए विशेष जोन बनाने का विचार स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती मांग के बाद आया है.

Schächten eines Schafes in Kairo
इस्लामी कानून के मुताबिक हाथ से जानवरों को जिबाह किया जाना ही हलाल.तस्वीर: picture-alliance/dpa

हलाल उत्पादों का बड़ा बाजार

बेलहोल का कहना है कि उद्योग पांच साल के भीतर दोगुने मूल्य का हो जाएगा. वे कहते हैं, "हमें लगता है कि संभावनाएं बहुत हैं और हमें इसे भुनाने की जरूरत है." दुनिया भर में मुसलमानों की आबादी 1.6 अरब है. ज्यादातर मामलों में मुसलमान हलाल उत्पादों का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं. सामान्य समझ ये है कि हलाल उत्पाद सुअर के मांस या शराब से दूषित नहीं होना चाहिए. साथ ही जानवरों को जिबाह इस्लामिक शरिया कानून मुताबिक किया जाना चाहिए. हलाल उत्पादों के लिए दुनिया भर में एक जैसे दिशा निर्देश जारी कराने की कोशिश में विश्व हलाल खाद्य परिषद जैसी अंतरराष्ट्रीय इस्लामी संस्था के प्रयासों को ज्यादा सफलता नहीं मिली है. हलाल सर्टिफिकेशन के लिए कोई वैश्विक मानक नहीं है. शरिया कानून का अगर कड़ाई से पालन किया जाए, तो उसके मुताबिक हाथ से जिबाह मुर्गी ही हलाल मानी जाएगी. वही औरों का कहना है कि अगर मशीन द्वारा मुर्गी जिबाह हों तो भी वह हलाल हो सकती है बशर्ते बाकी नियमों का पालन किया जाए. डिब्बाबंद खानों के मामलों में ज्यादातर मशीन द्वारा तैयार माल का ही इस्तेमाल होता है.

ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनियां पैकिंग के ऊपर यह भी लिख रही है कि चिकन को किस तरह से हलाल किया गया. हलाल उद्योग के विकास के मामले में मलेशिया वैश्विक नेतृत्व कर रहा है. उसने हलाल उद्योग के लिए उच्चतम मानकों को आगे बढ़ाया है. साल 2013 में मलेशिया ने 9.8 अरब डॉलर का हलाल उत्पाद का निर्यात किया.

एए/एएम (एपी)

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