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दूतावासों को खाली करने की सलाह

५ अप्रैल २०१३

कोरिया प्रायद्वीप पर बढ़ते तनाव के बीच उत्तर कोरिया ने विदेशी दूतावासों से अपने कर्मचारियों को हटाने पर विचार करने के लिए कहा है. इधर जर्मनी ने उत्तर कोरिया के राजनयिक को बुलाकर बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है.

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तस्वीर: Reuters

अलग अलग दूतावासों से आई रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरिया ने बढ़ते तनाव के कारण विदेशी दूतावासों से अपने कर्मचारियों को हटाने पर विचार करने को कहा है. रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने रूसी समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती को कहा, "यह प्रस्ताव प्योंगयोंग में सभी दूतावासों को दिया गया है और हम स्थिति पर रोशनी डालने की कोशिश कर रहे हैं." उन्होंने कहा है कि वह रूस, अमेरिका, चीन और दक्षिण कोरिया के साथ निकट संपर्क में है.

ब्रिटिश विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह उत्तर कोरिया में अपने दूतावास के बारे में अगले कदमों पर विचार कर रहा है. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन ने उत्तर कोरिया को याद दिलाया है कि दूतावासों की सुरक्षा उसकी जिम्मेदारी है. प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर कोरिया के अधिकारियों ने रूस की तरह ब्रिटेन से भी कहा है कि वह अपने मिशन को खाली करने पर विचार करे. प्रवक्ता ने कहा, "उनके पत्र में कहा गया है कि 10 अप्रैल से उत्तर कोरिया की सरकार विवाद की स्थिति में दूतावासों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों की सुरक्षा की गारंटी करने में असमर्थ होगी."

Nordkorea Kaesong Abriegelung Sonderwirtschaftszone
तस्वीर: Jung Yeon-Je/AFP/Getty Images

जिन देशों को दूतावास खाली करने की सलाह दी गई है उनमें जर्मनी भी है. समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार जर्मन सरकार को दूतावास खाली करने की सलाह दी गई है. विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया में सिर्फ इतना कहा है, "प्योंगयोंग में हमारे दूतावास की सुरक्षा और काम करने की संभावना का तनाव के मद्देनजर नियमित आकलन किया जा रहा है."

साम्यवादी उत्तर कोरिया ने नए परमाणु परीक्षण के बाद संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधं और अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सैनिक अभ्यासों से नाराज हो कर पिछले हफ्तों में कई बार दक्षिण कोरिया और अमेरिका पर हमले की धमकी दी है. सबसे ताजा धमकी अमेरिका को परमाणु हमले के रूप में मिली है, जिसके बाद अमेरिका रॉकेटरोधी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रहा है.

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तस्वीर: Jung Yeon-Je/AFP/Getty Images

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में बढ़ते तनाव के बीच जर्मन सरकार ने आज बर्लिन में उत्तर कोरिया के राजदूत को तलब किया. विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले के निर्देश पर राजदूत को शुक्रवार को विदेश मंत्रालय में बुलाया गया और जर्मनी की चिंता से अवगत कराया गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता आंद्रेयास पेश्के ने कहा कि बातचीत में राजदूत को "साफ शब्दों में उत्तर कोरिया की वजह से बढ़ रहे तनाव पर जर्मन सरकार की बड़ी चिंता" की जानकारी दी गई. प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर कोरियाई नेतृत्व के ताजा कदम किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हैं.

जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि उत्तर कोरिया के मुद्दे पर अगले हफ्ते लंदन में जी-8 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी चर्चा होगी. पेश्के के अनुसार वहां निर्णायक और साझा प्रतिक्रिया पर विचार होगा. जी-8 में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जापान और जर्मनी के अलावा रूस सदस्य हैं. विदेश मंत्रियों की बैठक साल में दो बार होती है.

एमजे/एनआर (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)

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