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रिश्तों में दूरियां

९ अप्रैल २०१४

कहते हैं जगह में दूरी से दिलों में भी दूरी आ जाती है. यही वजह है कि लोग लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप से कतराते हैं. लेकिन अगर इरादा पक्का हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं.

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Couple kiss
तस्वीर: Fotolia/Henry Schmitt

नौकरीपेशा लोगों में यह ट्रेंड ज्यादा देखने को मिल रहा है. शादी के बाद भी पति और पत्नी अपनी अपनी नौकरी के कारण एक दूसरे के साथ नहीं रह पाते. वे खुद ही नौकरियों के चलते दूर रहने का फैसला लेते हैं. इस तरह के लोगों से अक्सर पूछा जाता है कि क्या जगहों में दूरी से उनके रिश्ते में भी दूरी नहीं आती. जर्मनी में हाल ही में हुए एक शोध की मानें तो प्यार का दूरी से कोई भी लेना देना नहीं.

जर्मनी की जनसंख्या पर रिसर्च करने वाली संघीय एजेंसी ने 12,400 लोगों के आंकड़े जमा किए जो लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं. तीन साल तक इन लोगों पर नजर रखी गयी. रिसर्च की शुरुआत में ऐसा सोचा गया था कि ये लोग लंबे वक्त तक रिश्ता नहीं निभा पाएंगे. लेकिन अंत में देखा गया कि सिर्फ 15 फीसदी लोग ही एक दूसरे से अलग हुए. शोध में हिस्सा लेने वाले आधे से ज्यादा लोगों का स्टेटस बिलकुल भी नहीं बदला यानि वे पहले की ही तरह दूर रह कर भी साथ हैं. बाकी के लोगों ने एक साथ रहना शुरू कर दिया.

जाहिर है एक दूसरे से दूर रह रहे लोगों ने दो अलग अलग गृहस्थियां बसाई हैं. लेकिन इसका उनके रिश्ते पर बुरा असर नहीं पड़ता. इस तरह के रिश्ते को 'बाइलोकल रिलेशनशिप' का नाम दिया गया है. रिसर्चर उन लोगों को इसके साथ जोड़ कर देखते हैं, जो कम से कम एक साल तक अपने साथी से दूर रहे हों. वे शादीशुदा हों या ना हों, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता बशर्ते दोनों के आपस में शारीरिक संबंध रहे हों. जर्मनी में कम से कम दस फीसदी जोड़े इस तरह के रिश्ते में हैं. 35 से 37 साल के जोड़ों की तुलना में 25 से 27 साल के जोड़ों को इस तरह के रिश्ते में ज्यादा देखा जाता है.

रिसर्च में हिस्सा लेने वाले अधिकतर लोगों ने कहा कि अगर नौकरी का मामला ना होता तो वे एक दूसरे से दूर ना रहते. पर कई लोग ऐसे भी हैं, जो जानबूझ कर अकेले ही रहना पसंद करते हैं. उनके लिए उनकी आजादी ज्यादा जरूरी है. वे मानते हैं कि थोड़ी सी दूरी से रिश्ता और करीबी हो जाता है.

आईबी/एएम (एपी)