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दो साल के बच्चे ने सिगरेट पीना छोड़ा

७ सितम्बर २०१०

एक दिन में 40 सिगरेट फूंकने वाले इंडोनेशियाई बच्चे ने धुम्रपान करना छोड़ दिया है. दो महीने तक मनोचिकित्सक के इलाज के बाद दो साल के बच्चे सिगरेट पीने की बुरी लत को त्याग दिया. बच्चे ने छह महीने तक अंधाधुंध सिगरेट पी.

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तस्वीर: AP

दो साल के आरदी रिजाल के सिगरेट छोड़ने से मां बाप और इंडोनेशिया के नेशनल कमीशन ऑन चाइल्ड प्रोटेक्शन को बड़ी राहत मिली है. रिजाल 18 महीने की उम्र से सिगरेट पीने लगा था. शुरू में मां को लगा कि वह धुएं को देखकर खाली जिद कर रहा है. उसका रोना चुप कराने के लिए मां ने रिजाल को सिगरेट दे दी. फिर क्या था देखते ही देखते रिजाल को सिगरेट की पीने की भंयकर लत लग गई.

डेढ़ साल का बच्चा एक दिन में दो पैकेट यानी 40 सिगरेटें पीने लगा. मामले का पता तब चला जब इंटरनेट पर बच्चे की चेन स्मोकिंग का वीडियो जारी हुआ. वीडियों के बाद इंडोनेशिया सरकार की भी कड़ी आलोचना हुई. बाल संरक्षण से जुड़ी संस्थाएं सरकार पर तंबाकू कंपनियों के आगे झुकने का आरोप लगाने लगीं. अब सरकार बच्चों के सिगरेट खरीदने पर पांबदी और तंबाकू के विज्ञापनों पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है.

इसके बाद नेशनल कमीशन ऑन चाइल्ड प्रोटेक्शन के अधिकारियों ने रिजाल के मां बाप से संपर्क किया. एक मनोचिकित्सक की मदद से मासूम का इलाज का किया गया. इसी साल जुलाई से चले इलाज के अच्छे नतीजे सितंबर में दिखने लगे. नेशनल कमीशन ऑन चाइल्ड प्रोटेक्शन की अध्यक्ष एरिस्ट मेरडेका सिरीअत कहती हैं, ''उसने सिगरेट पीना छोड़ दिया है. वह अब सिगरेट मांग भी नहीं रहा है. उसे अब स्मोकिंग फ्री माहौल की जरूरत है, ताकि वह दोबारा इस लत की तरफ न बढ़े.''

मां बाप के लिए भी यह राहत की बात है. हालांकि मेडिकल जांच में सामने आया है कि कम्र उम्र में बहुत ज्यादा धुम्रपान करने से रिजाल के दिमाग पर असर पड़ा है. उसके मतिष्क में सिकुड़न सी आ गई है. डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि उम्र बढ़ने के साथ रिजाल को दिमागी दिक्कतें हो सकती हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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