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नक्सलियों को बातचीत का न्योता

१८ मई २०१०

भारत सरकार ने नक्सलियों को एक बार फिर बातचीत के लिए न्योता भेजा है. गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि अगर नक्सली सिर्फ 72 घंटे के लिए हिंसा छोड़ दें, तो वे बातचीत के लिए राजी हैं.

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तस्वीर: UNI

छत्तीसगढ़ में सोमवार को नक्सलियों ने एक बस को उड़ा दिया, जिसमें कम से कम 40 लोग मारे गए. इसके चौबीस घंटे के अंदर भारत सरकार ने उन्हें बातचीत के लिए निमंत्रण भेजा है. गृह मंत्री चिदंबरम ने भारत के एक निजी टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा, "माओवादियों को कहना चाहिए कि हम हिंसा छोड़ रहे हैं और सिर्फ 72 घंटों के लिए हिंसा स्थगित कर रहे हैं. हम तुरंत कदम उठाएंगे. हम मुख्यमंत्री को फौरन बुलाएंगे. हम एक तारीख तय करेंगे, वक्त और समय तय करेंगे और माओवादी जिस किसी चीज पर बात करना चाहें, आएं और करें."

चिदंबरम ने कहा कि माओवादियों ने कभी भी बातचीत के प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि इसमें मीडिया का भी रोल रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार संघर्ष विराम के दौरान अपनी कार्रवाई बंद कर देगी, गृह मंत्री ने कहा, "यह तो कहने की जरूरत ही नहीं."

उन्होंने कहा कि अगर माओवादी कह दें कि वे सिर्फ 72 घंटे के लिए हिंसा छोड़ रहे हैं, तो पुलिस उनके छिपने के ठिकानों पर धावा नहीं बोलेगी और न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी. चिदंबरम ने कहा कि संघर्ष विराम का मतलब किसी बुनियादी ढांचे पर हमला नहीं होना चाहिए, कोई बारूदी सुरंग विस्फोट नहीं होना चाहिए और न ही किसी टेलीफोन टावर को निशाना बनाया जाना चाहिए.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह