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नये कानून से क्यों खुश नहीं हैं जर्मनी में यौनकर्मी

३ जुलाई २०१७

यौनकर्मियों को शोषण से बचाने के मकसद से जर्मनी में एक कानून लागू किया गया है. लेकिन हैम्बर्ग के मशहूर रेड लाइट एरिया में इस कानून को लेकर कोई उत्साह नहीं है.

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Reeperbahn Hamburg
तस्वीर: picture alliance/Yadid Levy/Robert Harding

बुल्गारिया की 26 वर्षीय लेइला हैम्बर्ग के करीब बोर्डेलो के रेड लाइट एरिया में यौनकर्मी हैं. यहां भी यौनकर्मियों को उत्पीड़न से बचाने के उद्देश्य के नये दिशा निर्देश लागू किये गये हैं.

लेकिन लेइला को शक है. वो कहती हैं "मुझे लगता है कि यह अच्छा है कि हमें बेहतर संरक्षण मिले पर नये कानून से ठीक इसका उल्टा होगा." लेइला जैसे और भी यौनकर्मी जर्मनी में महीने के शुरू से लागू हुए नये कानून से परेशान हैं.

दिशा निर्देशों के तहत यौनकर्मियों को खुद को पंजीकृत कराना होगा जो उनकी पहचान को जाहिर कर देगा. उन्हें तय केद्रों पर नियमित रूप से स्वास्थ्य परामर्श केंद्र जाना होगा. कंडोम का इस्तेमाल अनिवार्य होगा और "गैंगबैंग पार्टी" और "फ्लैट रेट" पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा. लेइला ने कहा, "मेरे पास जर्मनी में कोई पंजीकृत पता नहीं है इसलिए मैं पंजीकरण नहीं करा पाउंगी. अगर हम बिना पंजीकरण के पकड़े गये तो हम पर फाइन लगेगा. यह हमें डराता है." वह हैम्बर्ग से दूर किसी सुनसान जगह चली जाना चाहती है.

जर्मन सरकार के पारिवारिक मामलों के मंत्रालय ने उचित मानकर यौनकर्मियों की सुरक्षा के लिए जिन लक्ष्यों और दिशा निर्देशों को तय किया है, खुद उनकी राय सरकारी इरादों के बिल्कुल विपरीत है. नये अनिवार्य पंजीकरण में यौनकर्मियों को अपने नाम, पते और तस्वीर के साथ रजिस्टर होना होगा. उन्हें ये कागजात हमेशा अपने साथ रखने होंगे. यौनकर्मियों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था डोना कारमैन ने देश में लागू हुए इस कानून के खिलाफ अपील अदालत कार्ल्सरूहे में मुकदमा दायर किया है. 

52 वर्षीय थॉमस अक्सर "गैंगबैंग पार्टियों" में जाते हैं, जहां यौनकर्मी कई पुरषों से यौन संबंध बनाती हैं. इन पार्टियों और फ्लैट रेट्स पर बैन लगाने पर वे कहते हैं, "मैं खुद से पूछता हूं, क्यों?" वे इस बात पर जोर देते हैं कि वे जिन पार्टियों में जाते हैं वहां कोई शोषण नहीं होता. ये पार्टियां गायब नहीं होंगी. वो बहुत आसानी से पॉर्न फिल्मों की शूटिंग के नाम पर प्राइवेट अपार्टमेंट्स में चलती रहेंगी.

रेड लाइट एरिया में कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने घर, स्टूडियो या अपार्टमेंट को किराये पर दिया हुआ है. उन लोगों की मुश्किलें ये हैं कि वे भले ही किसी इंसान के साथ यौन संबंध नहीं बना रहे हैं लेकिन दिशा निर्देशों के तहत उन्हें भी अनिवार्य स्वास्थ्य परामर्श केंद्रों में जाना ही होगा. 

नए कानूनों के तहत ऐसी जगहों पर ग्राहकों और मालिकों के लिए अलग अलग शौचालयों की व्यवस्था होनी चाहिए. जिसके बाद यहां कई मालिकों के सामने मुश्किल खड़ी हो गयी है.

इस कानून के चलते यौनकर्मियों और रेड लाइट एरिया में काम कर रहे लोगों के सामने नयी चुनौतियां है. इसीलिए इस कानून के ड्राफ्ट बनने के दौरान शहर भर में इसका विरोध हुआ था.

एसएस/एमजे (डीपीए)