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नस्लभेद पर खुल कर बोला अमेरिका

१७ सितम्बर २०१५

अमेरिका में 14 साल के अहमद मोहम्मद की गिरफ्तारी के बाद ट्विटर पर लाखों लोग उसके समर्थन में सामने आए. कभी तस्वीरों, तो कभी वीडियो के माध्यम से लोग अमेरिका में बसे नस्लवाद को उजागर कर रहे हैं.

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USA Texas muslimische Schüler-Clock Ahmed Mohamed
तस्वीर: Picture-Alliance/AP Photo/V. Bryant

ट्विटर पर #IStandWithAhmed की शुरुआत की अमनेह जाफरी नाम की महिला ने. उन्होंने ट्वीट किया, "अगर उसका नाम जॉन होता, तो उसे जीनियस कह कर पुकारा जाता. लेकिन क्योंकि उसका नाम अहमद है, इसलिए उस पर संदिग्ध का ठप्पा लग गया है."

अमेरिकियों की सोच में नस्लवाद किस कदर बसा हुआ है, यह दिखाया गया है एक छोटे से यूट्यूब वीडियो में. वीडियो का नाम है, "अहमद हैज ए क्लॉक" यानि अहमद के पास एक घड़ी है. वीडियो में एक बच्चा घड़ी से खेल रहा है, डरने की बात सिर्फ यह है कि बच्चे का नाम अहमद है. यह वीडियो स्कूली प्रशासन को पुलिस के बर्ताव पर तंज कस रहा है.

इसी तरह के मजाक उड़ाते हुए ट्वीट भी देखे जा सकते हैं. एक तस्वीर में अमेरिकी सेना के हाथ में घड़ी है और एक सिपाही उसे बम की तरह हाथ में लिए उड़ाने को तैयार खड़ा है. तस्वीर के साथ लिखा है, "अमेरिकी सेना अहमद द्वारा बनाए गए बम का प्रशिक्षण करने के लिए तैयार है."

#IStandWithAhmed को एक ही दिन में आठ लाख से भी ज्यादा बार इस्तेमाल किया गया. अहमद पर इतनी चर्चा हुई कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन भी उसके सहयोग में आईं. उन्होंने लिखा, "पूर्वधारणा और डर हमें सुरक्षित नहीं रखते, वे हमें बांध कर रखते हैं. अहमद, यूं ही जिज्ञासा से भरे रहो और ईजाद करते रहो." मौजूदा राष्ट्रपति ओबामा ने भी अहमद की प्रशंसा में ट्वीट किया, ""कमाल की घड़ी बनाई है. इसे व्हाइट हाउस लाना चाहोगे?"

कुछ अन्य ट्वीट श्वेत और अश्वेत बच्चों के फर्क को दर्शाते हैं. लोग सवाल कर रहे हैं कि क्यों श्वेत बच्चे खुलेआम हथियार ले कर भी घूम सकते हैं, और अश्वेत बच्चे कुछ ईजाद करने पर गिरफ्तार कर लिए जाते हैं.

इस बीच अहमद को ओबामा के अलावा, गूगल, फेसबुक, ट्विटर और एमआईटी से भी न्योते आ चुके हैं. अहमद के पिता ने सबका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्कूल अपना फैसला बदलेगा. अहमद को तीन दिन के लिए निलंबित किया गया है. हालांकि अब तक स्कूल की ओर से कोई संकेत नहीं आए हैं. वहीं अहमद का कहना है कि वह स्कूल बदलने के बारे में सोच रहा है क्योंकि उसे नई नई चीजें बनाने का शौक है और वह ऐसी जगह पढ़ना चाहता है, जहां उसके टीचर उसके इस शौक को समझ सकें.