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नेपाल में थप्पड़ की गूंज

२३ नवम्बर २०१२

पदम कुमार को भले ही लगा हो कि नेपाल के माओवादी नेता प्रचंड को थप्पड़ मार कर वह कुख्यात हो जाएंगे लेकिन राजनेताओं के लिए देश में बढ़ती हताशा को इस थप्पड़ में आवाज मिल गई है और वह गूंज रही है.

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तस्वीर: Fotolia/paul prescott

सोशल मीडिया और ब्लॉगर 25 साल के पदम कुंवर की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थन में पूरे दम से आवाज बुलंद कर रहे हैं. पदम कुंवर ने माओवादी नेता पुष्प कमल दहल को पिछले हफ्ते थप्पड़ मारा था. पदम का परिवार मानता है कि प्रचंड ने माओवादी आंदोलन को धोखा दिया है. पदम की बहन प्रतिभा कुंवर कहती हैं, "मेरे भाई की हरकत माओवादी पार्टी के कारण पैदा हुई गहरी निराशा की प्रतिक्रिया है जिसकी वजह से हमारे परिवार की जिंदगी बेहद तकलीफ की स्थिति में आ गई है."

प्रचंड के नाम से विख्यात पुष्प कमल दहल ने नेपाल में माओवादी आंदोलन का नेतृत्व किया और 2006 के शांति समझौते से पहले 16000 से ज्यादा लोग इस आंदोलन की भेंट चढ़ गए. इस पूर्व छापामार नेता को जब एक सार्वजनिक सभा के दौरान थप्पड़ खानी पड़ा तो उनके होश भी फाख्ता हो गए. थप्पड़ मारने के बाद प्रचंड के समर्थकों ने पदम को पकड़ लिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी बाद में पुलिस किसी तरह उनके हाथ से छुड़ा कर उसे वहां से ले गई. पार्टी को छोड़ दें तो आम जनता पूरी तरह से पदम के समर्थन में है. कुंवर अपने परिवार में सबसे छोटा है. छोटा किसान और व्यापारी परिवार पश्चिमी नेपाल में रहता है, यह वो इलाका है जिसने सरकार के विरूद्ध माओवादी आंदोलन के दौरान बड़ी कुर्बानियां दी.

प्रतिभा के बड़े भाई आज भी स्वास्थ्य से जुड़ी उन समस्याओं से जूझ रहे हैं जो माओवादी कमांडर के रूप में लड़ने के दौरान उनके गले आ पड़ीं. प्रतिभा बताती हैं, "मेरे पिता माओवादी आंदोलन का समर्थन करने के लिए बार बार जेल गए. 2005 में जब सेना के लोगों ने हमारे घर पर छापा मारा तो उस दौरान मेरी हड्डी तोड़ दी गई लेकिन खराब आर्थिक हालत के कारण हम ढंग से इलाज भी नहीं करा सके."

देश में जब माओवादी आंदोलन ने जोर पकड़ा तब कुंवर की उम्र महज 9 साल थी बाद में वह भाग कर भारत और फिर कतर चले गए. देश में शांति बहाल होने के बाद वो अपने गांव वापस लौटे ओर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में नाम कमाने लगे. वह खुद कभी माओवादी पार्टी के सदस्य नहीं बने. गिरफ्तार होने से पहले कुंवर काठमांडू के पांच सितारा होटल याक एंड येती ट्रेनी शेफ के रूप में काम कर रहे थे. पदम अकसर पार्टी के बड़े नेताओं कि विलासितापूर्ण जीवन की आलोचना करते और उन पर पार्टी के क्रांतिकारी जड़ों को भूला देने का आरोप लगाते.

Generalstreik Nepal Maoisten
तस्वीर: AP

कुंवर फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं और उन पर सार्वजनिक शांति बिगाड़ने का आरोप है. कुंवर को कोर्ट के सामने पेश किए जाने से पहले 35 दिन तक पुलितस हिरासत में रखा जा सकता है. माओवादी पार्टी की तरफ से कुंवर की हरकत को "चरमपंथी" करार दिया गया है और इसे नेपाल की शांति प्रक्रिया को अस्थिर करने की साजिश माना गया है. हालांकि स्थानीय मीडिया पदम को नायक के रूप में दिखा रही है. फेसबुक पर उनके समर्थन में पेज बन रहा है, तो ट्विटर पर संदेशों की बाढ़ आई हुई है और लोग उन्हें रिहा करने की मांग कर रहे हैं.

विद्रोही नेताओं ने 2008 के चुनावों में मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टी बनने के बाद कुंवर जैसे जमीनी समर्थकों के भरोसे का खुब गुणगान किया लेकिन कार्यकर्ताओं में निराशा लगातार बढ़ रही है. इस साल जब यह पता चला कि प्रचंड राजधानी काठमांडू में एक आलीशान विला में रहने लगे हैं और पार्टी ने उनके बेटे को एवरेस्ट पर चढ़ने की खुशी में एक भारी रकम की पेशकश की है तो लोगों का गुस्सा अपनी सीमाएं लांघने लगा. प्रचंड को अगस्त 2008 में प्रधानमंत्री चुना गया लेकिन उन्होंने 9 महीने बाद ही पूर्व माओवादियों को सेना में शामिल करने के मुद्दे पर हुए बवाल के बाद इस्तीफा दे दिया. उसके बाद से नेपाल की राजनीति फंसी हुई है. प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के बीच सत्ता की चाबी घूम रही है और नया संविधान बनाने, बुनियादी ढांच में निवेश जैसे मुद्दे राजनीतिक खींचतान में अटके हुए हैं.

एनआर/एएम (एएफपी)