1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता टूटू लेंगे संन्यास

८ अक्टूबर २०१०

नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले दक्षिण अफ्रीका के आर्चबिशप रह चुके डेसमंड टूटू ने सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेने की घोषणा की है. टूटू चर्च के प्लेटफॉर्म को रंगभेद से लड़ने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं.

https://p.dw.com/p/PZAY
डेसमंड टूटू लेंगे संन्यासतस्वीर: picture alliance / dpa

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनके संन्यास की घोषणा पर कहा, "दशकों से वह नैतिकता के आदर्श रहे हैं, मूल्यों की आवाज, न्याय की प्रतिमूर्ति, शांति के लिए प्रतिबद्ध व्यक्ति रहे हैं. हम उनकी दूरदृष्टि और उनके काम की कमी हमें खलेगी लेकिन हम उनसे सीख लेते रहेंगे. आर्चबिशप और उनके परिवार को सुखद भविष्य की शुभकामनाएं."

जुलाई में टूटू ने कहा था कि वे 7 अक्तूबर को 79 साल के होने के बाद सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगे. "अब वो समय आ गया है कि मैं अपनी गति धीमी करूं. दोपहर में अपनी पत्नी के साथ चाय की चुस्कियां लूं और क्रिकेट देखूं. कांफ्रेंस, यूनिवर्सिटी की बजाए अपने बच्चों और नाती पोतों से मिलने जाऊं."

Erbischof Desmond Tutu singt gemeinsam mit Nelson Mandela in Soweto
तस्वीर: AP

केपटाउन में एंग्लिकन चर्च के आर्चबिशप पद से टूटू एक दशक पहले ही हट चुके हैं. इसके बाद उन्होंने पीस फाउंडेशन शुरू किया और राजनीतिज्ञों के सलाहकार के तौर पर काम किया.

डेसमंड टूटू ने कहा कि वो अपनी फाउंडेशन के साथ काम करते रहेंगे और वैश्विक राजनीतिज्ञों की संस्था द एल्डर्स की परिषद के साथ भी जुड़े रहेंगे. वे दक्षिण अफ्रीका की यूनिवर्सिटी और संयुक्त राष्ट्र के काम रिटायर हो रहे हैं साथ वे कोई मीडिया इंटरव्यू भी नहीं देंगे.

टूटू ने रंगभेद का विरोध, शिक्षा और समान अधिकारों के लिए आवाज उठाई. दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया लेकिन अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बाद ये कदम वापिस ले लिया गया.

1984 में उन्हें नोबेल का शांति पुरस्कार मिला. दो साल बाद केपटाउन के वे पहले काले आर्चबिशप बनाए गए. अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस की सरकार से बातचीत के बाद 1990 में नेल्सन मंडेला जेल से रिहा किए गए और रंगभेद के कानून को खत्म किया गया. 1994 में चुनाव जीतने के बाद राष्ट्रपति मंडेला ने टूटू को रंगभेद के समय में मानवाधिकारों के हनन की जांच करने वाले आयोग का नेतृत्व सौंपा.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए जमाल