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पत्नी से जबरदस्ती, बलात्कार नहीं

३० अप्रैल २०१५

विवाह एक संस्कार है, इसीलिए भारत में वैवाहिक बलात्कार की अवधारणा लागू नहीं की जा सकती. भारत सरकार ने यह तर्क देते हुए पति द्वारा जबरन सेक्स करने को अपराध मानने से इनकार किया.

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तस्वीर: Fotolia/Yuri Arcurs

भारत के गृह राज्य मंत्री हरिभाई परथीभाई चौधरी ने कहा, "वैवाहिक बलात्कार की अवधारणा को जिस तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समझा जाता है, उसे भारत पर लागू नहीं किया जा सकता, इसके पीछे शिक्षा के भिन्न स्तर, सारक्षता, गरीबी, असंख्य रिवाजों और मूल्यों, धार्मिक आस्था, विवाह को संस्कार मानने की सोच जैसे अनेक कारण हैं."

गृह राज्य मंत्री ने यह बात भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्य सभा में कही. राज्य सभा में उनसे यह लिखित सवाल डीएमके की सांसद कनिमोझी ने किया. कनिमोझी ने पूछा कि क्या सरकार भारतीय दंड संहिता में बदलाव कर वैवाहिक बलात्कार को बलात्कार के तहत लाएगी. संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने भारत को वैवाहिक बलात्कार को अपराध के दायरे में लाने की सिफारिश की है.

Symbolbild - Proteste gegen Vergewaltigungen in Indien
भारत में महिलाएं की सुरक्षा बड़ा मुद्दातस्वीर: Getty Images/N. Seelam

कनिमोझी के मुताबिक यूएन पॉपुलेशन फंड के मुताबिक भारत में 75 फीसदी विवाहित महिलाएं वैवाहिक बलात्कार का सामना करती हैं. इसके जवाब में गृह राज्य मंत्री ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र की महिला भेदभाव उन्मूलन समिति को इस बारे में रिपोर्ट सौंपी है. चौधरी ने विधि आयोग का हवाला देते हुए कहा, "भारतीय विधि आयोग ने पुनर्समीक्षा पर 172वीं रिपोर्ट बनाने के दौरान भी वैवाहिक बलात्कार को अपराध बनाने की सिफारिश नहीं की."

दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया कांड के बाद भारत में महिला अधिकारों की मांग आंदोलन में बदल गई. यौन अपराधों के कानून कड़े करने के लिए तत्कालीन सरकार ने जस्टिस जेएस वर्मा की अगुवाई में एक समिति बनाई. समिति ने भी वैवाहिक बलात्कार को अपराध में बदलने की सिफारिश की. लेकिन यूपीए सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया.

उस वक्त संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने अपराध संहिता (संशोधन) विधेयक 2012 में वैवाहिक बलात्कार को अपराध मानने से इनकार कर दिया. भारत सरकार को लगता है कि वैवाहिक बलात्कार देश के परंपरागत पारिवारिक मूल्यों को कमजोर करेगा. गृह मंत्रालय को लगता है कि शादी का मतलब ही सेक्स के लिए सहमति है. कुछ साल पहले सुप्रीम कोर्ट भी एक फैसले में यह साफ कर चुका है. गृह मंत्रालय के मुताबिक अगर वैवाहिक बलात्कार को अपराध बनाया गया तो कई तरह की व्यवहारिक दिक्कतें आएंगी.

ओएसजे/आईबी (पीटीआई)