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परमाणु शक्ति संपन्न अमेरिका धमकी देता है: ईरान

४ मई २०१०

परमाणु अप्रसार मामले पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने अमेरिका पर परमाणु शक्ति विहीन देशों को धमकी देने का आरोप लगाया. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने बेसिरपैर का आरोप बताया.

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तीखी तकरारतस्वीर: WILLIAM B. PLOWMAN, MEET THE PRESS

न्यू यॉर्क में ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने कहा, "दुख की बात है कि अमेरिकी सरकार न सिर्फ़ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर चुकी है बल्कि अब भी ईरान सहित अन्य देशों को धमकी देती है."

35 मिनट के अपने संबोधन में अहमदीनेजाद ने अमेरिका को जमकर खरी खोटी सुनाई और परमाणु अप्रसार संधि को अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.

अहमदीनेजाद ने कहा कि परमाणु हथियार होना शर्मनाक और घृणित कहा जाएगा.

अहमदीनेजाद ने कहा कि जिन देशों के पास परमाणु हथियार नहीं है वे शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल करने की अगर कोशिश करते हैं तो उन्हें दबाव और धमकी का सामना करना पड़ता है. अहमदीनेजाद के अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों पर निशाना साधने की कड़ी प्रतिक्रिया हुई और अमेरिका, ब्रिटेन और फ़्रांस के प्रतिनिधियों वॉक आउट कर दिया.

Ahmadinejad mit Uran Zentrifugen
परमाणु कार्यक्रम पर विवादतस्वीर: picture-alliance/ dpa

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी अपने संबोधन के दौरान ईरान पर पलटवार किया और अहमदीनेजाद के आरोपों को बेतुका बताया. क्लिंटन ने कहा कि ईरान की परमाणु हथियारों की महत्वाकांक्षा दुनिया में ख़तरा पैदा कर रही हैं. क्लिंटन के मुताबिक़ ईरान ने अपने दायित्वों को पूरा नहीं किया है और इसके चलते ईरान की जवाबदेही तय होनी चाहिए.

अपना भाषण हिलेरी क्लिंटन ने पूरी तरह ईरान पर केंद्रित रखा और कहा कि ईरान ध्यान हटाने के लिए ही इस तरह के आरोप लगा रहा है. "ईरान अकेला ऐसा देश है जो फ़िलहाल परमाणु अप्रसार संधि के नियमों की अवहेलना कर रहा है. इसी के चलते अंतरराष्ट्रीय समुदाय में ईरान अलग थलग पड़ता जा रहा है."

अमेरिका के रक्षा विभाग ने बेहद गोपनीय जानकारी को सार्वजनिक करते हुए बताया है कि अमेरिका के पास क़रीब 5,113 परमाणु हथियार हैं. अमेरिका का दावा है कि परमाणु हथियारों के मुद्दे पर पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत ही यह घोषणा की गई है.

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व का संकल्प लिया है लेकिन अमेरिका ने अपनी नई परमाणु नीति में स्पष्ट किया है कि परमाणु हथियार अब भी उसकी रक्षा नीति का हिस्सा है. इन हथियारों को ऐसे देशों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल में लाया जा सकता है जो परमाणु शक्ति संपन्न नहीं है और परमाणु अप्रसार संधि के नियमों का उल्लंघन करते हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह