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पहली बार खोजा गया एक प्रवासी ग्रह

१९ नवम्बर २०१०

यूरोप के खगोलविदों ने एक ऐसे ग्रह की खोज की है जो पृथ्वी की आकाशगंगा मिल्की वे का हिस्सा नहीं था बल्कि मिल्की वे ने इसे खा लिया. इस नए ग्रह को उन सितारों के आसपास पाया गया है जो किसी अन्य आकाशगंगा से मिल्की वे में आए.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

यह खोज ग्रहों के बनने के बारे में वर्तमान समझ को ही चुनौती देती है. नया ग्रह तथाकथित हेलमी स्ट्रीम में मिला है. हेलमी असल में तारों का एक समूह है जो एक छोटी सी आकाशगंगा का हिस्सा थे. लेकिन बाद में मिल्की वे इस पूरी आकाशगंगा को निगल गई.

जर्मनी के माक्स प्लांक इंस्टिट्यूट ऑफ एस्ट्रोनॉमी के जिन वैज्ञानिकों ने इस नई खोज को अंजाम दिया है उसके प्रमुख हैं डॉ. जॉनी सेटियावान. डॉ सेटियावान बताते हैं कि इस तरह का ग्रह पहली बार मिला है. उन्होंने कहा, "जहां तक मैं जानता हूं, इस तरह का ग्रह हमने पहली बार खोजा है. यह छह से नौ अरब पहले हमारी आकाशगंगा में आया. कह सकते हैं कि यह एक यात्री है."

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हमारी आकाशगंगा मिल्की वेतस्वीर: AP

पिछले 15 साल में वैज्ञानिकों ने सौरमंडल के बाहर लगभग 500 ग्रह खोजे हैं जो अलग अलग सितारों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन ऐसा एक भी ग्रह नहीं मिला है जो किसी और आकाशगंगा से आया हो. माक्स प्लांक इंस्टिट्यूट के रायनर क्लेमेंट कहते हैं, "यह खोज काफी उत्साहजनक है. क्योंकि मामला बहुत बड़ी बड़ी दूरियों का है तो अन्य आकाशगंगाओं में ग्रह अब तक नहीं खोजे जा सके हैं. लेकिन आकाश में हुए इस अद्भुत विलय ने किसी और आकाशगंगा के ग्रह को हमारे यहां ला छोड़ा."

जर्नल साइंस एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस नए ग्रह का नाम रखा गया है एचआईपी 13044बी. यह जिस सितारे के इर्द गिर्द चक्कर काटता है उसका नाम एचआईपी 13044 है. यह धरती से 2000 प्रकाश वर्ष दूर है.

इसे खोजने के लिए बहुत ज्यादा रेजॉल्यूशन वाले स्पोक्ट्रोग्राफ का इस्तेमाल किया गया जो 2.2 मीटर लंबे टेलीस्कोप से जुड़ा है. यह विशाल टेलीस्कोप चिली के ला सिला यूरोपीयन सदर्न ऑब्जरवेटरी में रखा गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एमजी

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