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पहले वनडे में भारतीय टीम ध्वस्त

१३ जनवरी २०११

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कुछ दिन पहले कहा कि हार से शुरुआत उनके साथ जुड़ गई है. वनडे सीरीज भी ऐसे ही शुरू हुई. दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजों के कहर के आगे भारतीय बल्लेबाजी पूरी तरह नाकाम साबित हुई.

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तस्वीर: AP

भारत को 290 रन के लक्ष्य का पीछा करना था लेकिन उसकी सारी उम्मीदें 11वें ओवर में स्वाहा हो गईं जब 43 रन पर उसके चार दिग्गज पैविलियन लौट गए. इसके बाद विराट कोहली ने अपने अर्धशतक के जरिए संघर्ष की कोशिश की. लेकिन अकेले उनसे क्या बनता. पूरी भारतीय टीम 154 पर ही ढेर हो गई.

Cricket West-Indien
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मैच के बाद कप्तान धोनी ने कहा कि उन्हें दक्षिण अफ्रीकी टीम ने धो डाला. धोनी ने कहा, "हम वैसी टीम हैं जो मैच में अच्छी शुरुआत के भरोसे पर चलते हैं. लेकिन ऐसा कभी हुआ ही नहीं." हालांकि उन्हें मौसम से भी थोड़ी सी शिकायत रही. उन्होंने कहा कि बारिश की वजह से उनके बल्लेबाजों को प्रैक्टिस का वक्त ही नहीं मिल पाया. धोनी ने उम्मीद जताई कि जैसे जैसे सीरीज आगे बढ़ेगी उनकी टीम लय पकड़ लेगी और तब वे सीरीज को दिलचस्प बना देंगे.

जब धोनी की टीम लय पकड़ेगी, तब दक्षिण अफ्रीकी कप्तान उससे निपटने के बारे में सोचेंगे, फिलहाल तो वह अपनी धमाकेदार जीत के जश्न में डूबे हुए हैं. मैच के बाद उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने संपूर्ण प्रदर्शन किया. अपने गेंदबाजों पर तो स्मिथ ने जमकर तारीफें लुटाईं. उन्होंने कहा, "गेंद के साथ तो हम बेहतरीन थे."

स्मिथ के गेंदबाजों ने पहली ही गेंद से मैच जीतना शुरू कर दिया था. पहले ओवर में डेल स्टेन ने मुरली विजय की छुट्टी कर दी. तीन ओवर बाद ही बाएं हाथ के गेंदबाज लोनवाबो त्सोत्सोबे ने सचिन तेंदुलकर का विकेट लेकर भारत की उम्मीदों को कमजोर कर दिया.

जब स्मिथ ने पहली बार अपने गेंदबाजी अटैक में बदलाव किया और मोनी मोर्केल को बॉलिंग पर लगाया तो भारतीय टीम को दो बड़े झटके लगे. एक ही ओवर में मोर्केल ने दो खिलाड़ियों को आउट करके पासा दक्षिणी अफ्रीकी पाले में डाल दिया.

त्सोत्सोबे से महज 31 रन देकर चार विकेट लिए और मैन ऑफ द मैच का खिताब जीता. स्टेन और मोर्केल को दो दो विकेट मिले. वायने पार्नेल एक खिलाड़ी को आउट करके इस मैच को दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों को मैच बना दिया.

भारत के लिए कोहली ने सबसे ज्यादा 54 रन बनाए. धोनी ने 25 और सुरेश रैना ने 32 रन का नाकाफी योगदान दिया. बाकी कोई खिलाड़ी दहाई तक भी नहीं पहुंच पाया.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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