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पाकिस्तान के क्वेटा में कार बम हमला

२३ जून २०१७

पाकिस्तान के क्वेटा शहर में शुक्रवार सुबह हुए एक कार बम हमले में कम से कम 11 लोगों को मारे जाने और दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है.

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Pakistan Zwei chinesische Sprachlehrer in Quetta entführt
तस्वीर: Reuters/N. Ahmed

पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम में स्थित क्वेटा के प्रांतीय पुलिस प्रमुख के कार्यालय के पास एक शक्तिशाली कार बम फटा. इसकी चपेट में आने से अब तक 11 लोगों को मारे जाने और दर्जनों लोगों के घायल होने की खबर है. पुलिस के प्रवक्ता शहजादा फरहत ने बताया कि बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में फटे बम की धमक शहर में काफी दूर तक सुनायी दी और आसपास की कई इमारतों की खिड़कियां टूटी गयीं.

सरकारी अस्पताल के प्रवक्ता आसिम बेग ने कहा है कि मरने वालों की संख्या 11 तक पहुंच चुकी है और कई लोग अभी भी गंभीर रूप से घायल हैं. टीवी पर दिखाये गये दृश्यों से पता चलता है कि घटनास्थल पर कई बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कारें थीं और सड़क पर हर ओर टूटे शीशे बिखरे थे.

प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता अनवरुल हक ककर ने बताया कि इस बम को एक चलती कार में लगाया गया था. पुलिस अधिकारी अभी भी इस बात की पुष्टि करने की प्रक्रिया में हैं कि यह आत्मघाती हमला था या नहीं. अब तक इस हमले की किसी ने भी जिम्मेदारी नहीं ली है. ककर ने पड़ोसी देश भारत पर इस हमले का आरोप लगाया है हालांकि उनके पास इसका कोई भी सबूत नहीं था.

एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने बताया था कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत में जासूसी के आरोप में मृत्युदंड की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव ने माफी के लिए याचिका दी है. जाधव पर पड़ोसी ईरान से पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में छुप कर प्रवेश करने का आरोप है. जाधव को मार्च 2016 में गिरफ्तार किया गया और अप्रैल 2017 में सजा सुनायी गयी.

भारत ने कुलभूषण की फांसी पर रोक के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने 15 मई को दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और गुरुवार को अदालत ने कहा कि पूरी तरह मामले का फैसला होने तक कुलभूषण की फांसी की सजा पर रोक रहेगी. हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पाकिस्तान में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है.

बलूचिस्तान में काफी समय से छोटे स्तर पर बलोच राष्ट्रवादी और अलगाववादी विद्रोह करते रहे हैं. वे क्षेत्रीय संसाधनों में अपने लिए बड़ा हिस्सा चाहते हैं या फिर सीधे सीधे आजादी की मांग करते हैं. यहां होने वाले ज्यादातर हमलों का आरोप पाकिस्तानी तालिबान पर लगता रहा है.

आरपी/एमजे (एपी)