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पाक ज़मीन का इस्तेमाल न होने देंगे: गिलानी

१३ अप्रैल २०१०

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसुफ रज़ा गिलानी ने कहा है कि वे उन चरमपंथियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो पाकिस्तान में रह कर भारत पर हमलों की योजना बनाते हैं. लेकिन लश्कर ए तैयबा को लेकर पाकिस्तान और सबूत चाहता है.

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गिलानीः आतंकवाद के खिलाफतस्वीर: AP

गिलानी वॉशिंगटन में हो रहे परमाणु शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रविवार को एक बैठक में लश्कर ए तैयबा का मुद्दा उठाया था और इस बारे में भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ओबामा से बात की. उन्होंने कहा कि लश्कर ए तैयबा के सिलसिले में पाकिस्तान ने भारत से और सबूत की मांग की है.

Pakistan Außenminister Shah Mehmood Qureshi
क़ुरैशीः आतंकवाद एक साझा चुनौतीतस्वीर: Abdul Sabooh

परमाणु सम्मेलन में हिस्सा ले रही भारत की विदेश सचिव निरुपमा राव ने कहा है कि मनमोहन सिंह ने ओबामा के साथ मुलाकात की है औऱ पाकिस्तान पर लश्कर ए तैयबा के सिलसिले में दबाव डालने को कहा. गिलानी ने कहा, "हम नहीं चाहते कि हमारी ज़मीन का किसी और देश के खिलाफ इस्तेमाल किया जाए और न ही हम चाहते हैं कि किसी और देश की ज़मीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया जाए." गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान ने कई चरमपंथी गुटों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं और उनके बैंक खातों को सील कर दिया है.

उधर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद को केवल कूटनीति से सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मुंबई के बाद की बात सोचनी होगी. मुंबई एक हादसा था लेकिन पाकिस्तान भी आतंकवाद का शिकार है इसलिए आतंकवाद दोनों देशों के लिए चुनौती है.

उधर पाकिस्तान के लिए भारत की अंदरूनी राजनीति, ख़ासकर सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और बीजेपी के साथ उसके राजनीतिक संबंध पाकिस्तान में राजनयिकों के बीच बातचीत का मुद्दा बन रहे हैं. क़ुरैशी का मानना है, "मनमोहन सिंह के उद्देश्य तो अच्छे हैं लेकिन समस्या यह है कि वे घरेलू राजनीति और कांग्रेस और बीजेपी को संभालने में असमर्थ रहे हैं. बीजेपी मनमोहन सिंह को निशाना बनाए रखती है जो सही नहीं है."

रिपोर्टः एएफ़पी/ एम गोपालकृष्णन

संपादनः एस गौ़ड़