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ट्रोएगलित्स में जिला प्रमुख को धमकियां

६ अप्रैल २०१५

जर्मन शहर ट्रोएगलित्स में शरणार्थियों के एक निवास पर हमले के बाद इलाके के जिला प्रमुख गोएत्स उलरिष ने डॉयचे वेले से बातचीत में बताया कि कैसे उग्रदक्षिणपंथी शरणार्थियों को निशाना बना रहे हैं.

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04.04.2015 Deutschland Sachsen Tröglitz Eng

डॉयचे वेले: हमले के दो दिन बाद शहर में माहौल कैसा है?

गोएत्स उलरिष: निराशापूर्ण माहौल है. जो लोग शरणार्थियों को लाने के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, वे भी हैरान हैं कि बात यहां तक पहुंच गई. शनिवार को एक रैली भी निकाली गई. कई लोग शरणार्थियों के समर्थन में सामने आए. पर यह भी सच है कि कुछ विरोधी भी वहां मौजूद थे.

विरोधियों का बर्ताव कैसा था?

पहले तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. लेकिन फिर मेरे जैसे कुछ लोग थे, जिन्होंने खुद विरोधियों से बात शुरू की. मैंने यह देखा कि उन लोगों को यह समझ आ गया है कि उन्होंने जो शुरुआत की थी, यह आगजनी उसी का शर्मनाक, असहनीय, आपराधिक नतीजा है.

पिछले महीने मेयर मार्कुस निएर्थ को इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि उन्हें उग्रदक्षिणपंथियों से धमकियां मिल रही थी और अब यह हमला. ऐसे में क्या शरणार्थी यहां आ कर रहने का जोखिम उठा सकते हैं?

ऐसे बहुत से शहर हैं जहां शरणार्थियों का ठहराया जाना, उनका समेकन अच्छी तरह से काम पर पा रहा है. होहेनमोएलसेन, नाउमबुर्ग, वाइसनफेल्स जैसे कई छोटे छोटे शहर हैं. ट्रोएगलित्स का मामला अलग है. लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि दिक्कत सिर्फ शरणार्थियों को ही नहीं आती है, बल्कि हमारे जैसे नेताओं के लिए भी यह बहुत बड़ी चुनौती है. हमें हमेशा तारीफें ही नहीं मिलती हैं. आज ही मुझे बहुत से ईमेल आए हैं, जिनमें अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें मुझे धमकियां दी गई हैं कि आगे ऐसे और कदम उठाए जाएंगे.

Götz Ulrich
ट्रोएगलित्स जिला प्रमुख गोएत्स उलरिषतस्वीर: picture-alliance/dpa/Jan Woitas

महज 2,800 लोगों की आबादी वाले शहर में इस तरह की घटना का क्या मतलब समझा जाए?

अगर हमारे पास इसका साफ साफ जवाब मौजूद होता, तो हम इससे बेहतर रूप से निपट सकते थे. मुझे लगता है कि दिक्कत यहां के निवासियों की नहीं है, समस्या इतनी है कि कुछ उग्रदक्षिणपंथियों ने इस जगह को प्रदर्शनों के लिए चुन लिया है.

आपने हमले के बाद भी वादा किया है कि उन चालीस शरणार्थियों को ले कर आएंगे. उन्हें कहां ठहराने की योजना है?

शरणार्थियों के लिए बने निवास को तो फिलहाल इस हद तक नुकसान पहुंचा है कि मरम्मत के काम में कई महीने लग जाएंगे. सिर्फ आग के ही कारण नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि उसे बुझाने के लिए जो सब किया गया उससे भी फर्क पड़ा है. लेकिन अब लोग खुद आगे आ कर मदद के लिए तैयार हो रहे हैं. हमारे पास कुछ खाली घर पड़े हैं. हम इस पर विचार कर रहे हैं कि क्या शरणार्थियों को वहां ठहराया जा सकता है. हम यह संदेश देना चाहते हैं कि इस तरह की आपराधिक गतिविधियां ना ही हमारी योजना को रोक सकती है और ना ही टाल सकती है.

जो शरणार्थी यहां आएंगे, उन्हें भी हमले के बारे में पता चलेगा. आप उनका डर दूर करने के लिए क्या करेंगे?

यह काम तो स्थानीय निवासियों को अपने हाथ में लेना होगा. पास ही में एक जगह है होहेनमोएलसेन. कुछ ही दिन पहले वहां शरणार्थियों को लाया गया. इलाके के लोग हाथ में तोहफे लिए शरणार्थियों का स्वागत करने के लिए खड़े थे. अब वहां कई आयोजन हो रहे हैं ताकि लोग निवासियों के साथ घुल मिल सकें. यहां भी हम ऐसा ही करेंगे. साथ ही पहरेदारी के लिए पुलिस हमेशा मौजूद रहेगी. इसके अलावा समेकन के लिए समन्वयक भी होंगे.

इंटरव्यू: फ्रीडेल टाउबे/आईबी

गोएत्स उलरिष सैक्सनी अनहाल्ट के बुर्गेनलांड जिले के प्रमुख हैं और शरणार्थियों की रिहायश की व्यवस्था करने के जिम्मेदार हैं.