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पेंगुइन के जीवाश्म से नई वैज्ञानिक जानकारी

६ अक्टूबर २०१०

दक्षिण अमेरिकी देश पेरु के समुद्र तट पर एक ऐसे पेंगुइन के जीवाश्म मिले हैं. जिनमें जीवों के क्रमविकास या ईवोल्युशन के बारे में नई जानकारी की उम्मीद की जा रही है.

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तस्वीर: AP

जीवाश्म वैज्ञानिकों का कहना है कि इन अवशेषों से पेरु के क्षेत्र में एओसिन दौर की एक झलक मिल रही है. एओसिन दौर आज से साढ़े पांच से साढ़े तीन करोड़ वर्ष पहले हुआ करता था. उस दौर में पहली बार स्तनपायी जीव पाए गए थे. तटीय क्षेत्र में पाए गए जीवाश्म से पता चल सकता है कि कैसे इन जीवों का आदिम से आधुनिक रूप विकसित हुआ.

लीमा के विश्वविद्यालय के सान मार्कोस संग्रहालय के प्रधान व प्रसिद्ध जीवाश्म वैज्ञानिक रोडोल्फो सालास गिसमोंडी का कहना है कि यह आदिम पेंगुइन प्रजाति के सबसे संपूर्ण अवशेष हैं. उनकी राय में इनकी उम्र लगभग 3 करोड़ 60 लाख वर्ष के बराबर है. कुएचुआ की स्थानीय भाषा में इन्हें इनकायाचु पाराकासेनसिस कहा जाता था, जिसका मतलब होता है पानी का सम्राट.

Flash-Galerie Afrika
तस्वीर: picture-alliance/ dpa

सालास गिसमोंडी का कहना है कि जीवाश्म के संपूर्ण कंकाल से वैज्ञानिकों को आदिम पेंगुइन की शारीरिक संरचना के बारे में पता चल रहा है. उनके रंग से पता चलता है कि वे आज के पेंगुइनों की तरह काले व सफेद रंग के नहीं होते थे, बल्कि लाल और भूरे रंग के. सालास गिसमोंडी कहते हैं कि आधुनिक पेंगुइनों की तुलना में उनके पंख कहीं बड़े हैं. वे एक ऐसे समय में जीते थे, जब धरती का तापमान आज की तुलना में कहीं अधिक था.

Pinguin Magellan in freier Wildbahn
तस्वीर: AP

सन 2006 में एक युवा शोधकर्ता को पहली बार ये जीवाश्म मिले. इनसे पता चला है कि आदिम पेंगुइन का कद लगभग डेढ़ मीटर था, यानी आज के पेंगुइनों से कहीं अधिक. 2007 में सालास गिसमोंडी के नेतृत्व में पाराकास क्षेत्र के निकट खोज का काम शुरू किया गया.

वैज्ञानिकों को आदिम पेगुइनों के अलावा प्रागैतिहासिक ह्वेल के दांत और दसियों लाख साल पुराने शार्क के भी अवशेष मिले. सालास गिसमोंडी कहते हैं कि पहली बार ऐसी चीजों को देखना एक अनोखा अनुभव था.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एस गौड़

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