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पोप ने मचाया सोशल मीडिया में हंगामा

१९ जून २०१५

पर्यावरण पर कैथोलिक धर्मगुरू पोप फ्रांसिस के एनसिक्लिकल पर व्यापक चर्चा हो रही है. पर्यावरण समर्थक पोप के हस्तक्षेप का समर्थन कर रहे हैं तो ऐसे लोग भी कम नहीं जो इस मुद्दे को धर्म के साथ जोड़ने की आलोचना कर रहे हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/D. Bandic

ज्यादातर लोग उसके समर्थन में दिख रहे हैं तो कुछ उसके खिलाफ भी हैं. कोई पोप से कह रहा है कि वह विज्ञान को वैज्ञानिकों के लिए छोड़ दें तो कोई खुश है कि आखिर पोप ने भी अपनी आवाज मिलाई है. कैथोलिक चर्च की नई पर्यावरण नीति की तारीफ करने वालों में न्यूयॉर्क टाइम्स भी है जिसका कहना है कि पोप ने पर्यावरण परिवर्तन के साइंस को ठीक समझा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी पोप के बयान की तारीफ की है. पहले व्हाइट हाउस ने कहा था कि राष्ट्रपति ने उसे पढ़ने लायक दस्तावेज बताया है. बाद में राष्ट्रपति ने खुद ट्वीट कर पोप के पर्यावरण संबंधी लेख को प्रेरणादायक बताया. उन्होंने कहा कि वे इस बात से सहमत हैं कि बच्चों और ईश्वर की रचना की रक्षा नैतिक जिम्मेदारी है.

भारत की पर्यावरण एक्टिविस्ट सुनीता नारायण ने भी ट्वीट किया कि पोप ने अब बोल दिया है. क्या अमेरिका के रिपब्लिकन अब जलवायु परिवर्तन पर फौरी कदम उठाने की जरूरत समझेंगे.

लेकिन अमेरिका पोप की पर्यावरण अपील के बाद भी बंटा हुआ है. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेब बुश ने टिप्पणी कि वे अपनी आर्थिक नीति अपने बिशप, कार्डिनल या पोप से नहीं लेते.

तो कोयला बहुल प्रांत वेस्ट वर्जीनिया के सिनेटर ने कहा कि पोप के विचार यथार्थवादी नहीं हैं. उन्होंने कोयले से पैदा होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए तकनीक में पैसा लगाने की अपील की.

इसके विपरीत अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य टिम रायन ने कहा कि फॉक्स न्यूज पोप को हमारी धरती का सबसे खतरनाक इंसान बताता है. कैथोलिक होने पर इतना गर्व कभी नहीं हुआ. यह मेरे पोप हैं.

पत्रकार फरीद जकारिया ने पोप के एनसिक्लिकल को इंटेलिजेंट दस्तावेज बताया है.

भारतीय फिल्मकार शेखर कपूर को पोप की पूंजीवाद की आलोचना पसंद आई है. उन्होंने ट्वीट किया है कि गरीब देशों का विदेशी कर्ज उन पर नियंत्रण करने का तरीका बन गया है.

एमजे/आरआर