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प्यार के नाम हैमिल्टन की जीत

२९ जुलाई २०१३

दिल टूटने से अहसास थोड़े ही मिट जाते हैं तभी तो लुईस हैमिल्टन ने फॉर्मूला वन में अपनी पहली जीत पूर्व प्रेमिका निकोल शेरजिंगर के नाम की. हंगरी की ट्रैक पर चला हैमिल्टन का जादू.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

पोल पोजिशन से शुरूआत कर किमी रायकोनेन और सेबास्टियन फेटल को आसानी से पीछे छोड़ मर्सिडीज के हैमिल्टन ने इस जीत के साथ चैंपियनशिप के लिए उम्मीदें बनाए रखी है. मैक्लारेन की टीम छोड़ने के बाद यह उनकी पहली और करियर की 22वीं जीत है.

इसी साल की गर्मियों में हैमिल्टन अपनी प्रेमिका से अलग हुए हैं और मैच के बाद शेरजिंगर को उसे समर्पित कर उन्होंने जता दिया कि अहसास अभी बाकी हैं. भावुक हैमिल्टन ने कहा, "जीतना बहुत बड़ी चीज है निश्चित रूप से, लेकिन मुझे महसूस होता है कि पूरे रेस के दौरान मेरे दिमाग में जो सोच चलती रही वो उस शख्स के बारे में है जो मेरे लिए बेहद खास है और मैं उसे यह समर्पित करना चाहता हूं." पूछा गया कि क्या वो शेरजिंगर हैं और उन्होने हां में सिर हिला दिया.

इसके बाद सवाल यह भी आया कि क्या रेस की तैयारी के दौरान उन्हें भावनाओं से भी लड़ना पड़ा तो उन्होने कहा, "हां, ये मेरी जिंदगी के सबसे कठिन महीने रहे हैं. मैं अच्छी ड्राइविंग कर रहा हूं और पिछली कुछ रेस के लिए मैंने जिस तरह क्वालिफाई किया उससे मैं खुश भी हूं, लेकिन इन दिनों पहले की तरह खुशी महसूस नहीं होती. कुछ साल पहले हम लोग यहां साथ होते थे और मैं जीतता था, तो मेरे पास बड़ी अच्छी यादें हैं."

Formel 1 Grand Prix Lewis Hamilton und Sebastian Vettel
तस्वीर: AFP/Getty Images

2008 में चैंपियन रहे हैमिल्टन ने चौथी बार हंगरी की ट्रैक पर कामयाबी का परचम लहराया है. 124 अंकों के साथ अब वो चैंपियनशिप की दौड़ में चौथे नंबर पर हैं. उनसे ऊपर 172 अंक लेकर सेबास्टियन फेटल शीर्ष पर जबकि 134 अंकों के साथ रायकोनेन दूसरे और 133 अंक लेकर फर्नांडो अलांसो तीसरे नंबर पर हैं. भावनाओं से उबरे तो हैमिल्टन ने टीम को शुक्रिया भी कहा और यह भी कि वो इस जीत के लिए बहुत भूखे थे. मर्सिडीज की टीम के लिए यह इस साल तीसरी जीत है. टीम के दूसरे ड्राइवर निको रोजबर्ग ने मोनाको और ब्रिटेन के ट्रैक पर कामयाबी हासिल की है. हंगरी में रायकोनेन दूसरे नंबर पर जबकि फेटल तीसरे नंबर पर रहे. रेडबुल के दूसरे ड्राइवर ऑस्ट्रेलियाई मार्क वेबर चौथे नंबर पर रहे उनके पीछे फर्नांडो अलोंसो और रोमाइन ग्रॉसजीन थे.

50 डिग्री की गर्मी में तपते ट्रैक पर जीतना आसान नहीं होता. हंगरी की ट्रैक पर पहली बार पिरेली के नये टायरों का इस्तेमाल किया गया जिसमें कंपनी ने कई बदलाव किए हैं. पिछले महीने ब्रिटिश ग्रां प्री में कई टायरों के फटने पर काफी बवाल हुआ था. वहां भी हैमिल्टन ने पोल पोजिशन से शुरूआत की थी लेकिन फटे टायर ने उनकी उम्मीदों को धूल में मिला दिया.

Formel 1 Grand Prix Lewis Hamilton
तस्वीर: AFP/Getty Images

भारत में रेस पर सवाल

इस बीच एक बुरी खबर इंडियन ग्रां प्री के लिए आ रही है. रूस के मैदान में उतरने के एलान के साथ ही आशंका है कि इंडियन ग्रां प्री अगले साल फॉर्मूला वन के कैलेंडर से बाहर हो जाए. फॉर्मूला वन के प्रमुख बर्नी एकेल्सटन ने यह बात कही है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से एकेल्स्टोन ने कहा, "अगले साल भारत होगा? शायद नहीं." पिछले एक दशक से एकेल्सटन फॉर्मून वन का कैलेंडर तैयार करते आ रहे हैं. आमतौर पर तैयार करने के बाद कैलेंडर इंटरनेशनल ऑटोमोबाइल फेडरेशन को दिया जाता है जो इस पर रबर स्टैंप लगाता है. फिलहाल 22 रेसों को कैलेंडर में जगह देने के लिए रस्साकसी है जबकि फॉर्मूला वन की टीमें चाहती हैं कि ज्यादा से ज्यादा 20 रेस ही हो. रूस सोची के ब्लैक सागर रिसॉर्ट में इसकी तैयारी कर दौड़ने को बेताब बैठा है. इसके अलावा न्यूजर्सी भी अगले साल के कैलेंडर में शामिल दो नई जगहों में हैं. इतना ही नहीं 11 साल तक बाहर रहने के बाद ऑस्ट्रिया भी वापसी की फिराक में है.

हालांकि इंडियन फॉर्मूला वन की प्रमोटर कंपनी जेपी ग्रुप इन खबरों को बकवास बता रहा है. जेपी ग्रुप ने पिछले महीने ही बयान जारी कर कहा, "फॉर्मूला वन मैनेजमेंट के साथ बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर 2015 तक रेस कराने का करार है." बर्नी एकेल्स्टन ने खेल पर स्थानीय टैक्स की ऊंची दरों का मुद्दा उठाया है. हंगरी की रेस के दौरान टीमों के बीच इंडियन ग्रां प्री पर ही चर्चा होती रही.

एनआर/एएम (डीपीए, रॉयटर्स)

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