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प्रकृति से छेड़ छाड़ एक ज्वलंत समस्या

२२ अप्रैल २०१०

उतर प्रदेश, बिहार, तथा छत्तीसगढ़ में हमारे काफ़ी सारे नियमित श्रोता हैं जो अक्सर क्लब गतिविधियां, कार्यक्रमों पर अपनी प्रतिक्रियाएं तथा डॉयचे वेले के प्रति अपने विचारों को कविता के रूप में भी लिख भेजते हैं.

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तस्वीर: AP

तनुश्री द्वारा प्रस्तुत लाइफ लाइन कार्यक्रम बहुत पसंद आया. इसमें बालों से संबंधित समस्याओं पर चर्चा की गई. निश्चित रूप से हम आंवला, रीठा तथा शिकाकाई का प्रयोग कर बालों से संबंधित समस्याओं से बच सकते हैं. प्रीति छाबड़ा से बातचीत और उनके घरेलु नुस्खे, आयुर्वेदिक पद्धति व डैंड्रफ़ की समस्या से कैसे बचा जा सकता है, विचार पसंद आए. इसी कार्यक्रम में प्लास्टिक के संबंध में चर्चा भी पसंद आई. प्लास्टिक मानव जीवन के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है. खोज के समय हम जितने खुश हुए थे आज हमें बहुत अधिक दुःख हो रहा है क्योंकि धरती का सबसे कीमती पानी को यह खराब करते जा रहे हैं. मनुष्यों के साथ साथ इसका बुरा असर समुद्री जीव जन्तुओ पर पड़ रहा है क्योंकि यह प्लास्टिक न तो सड़ता है और न ही गलकर कुछ काम आता है.

दुर्गेश कुमार पटेल, कोत्मारा, जतरी, जिला रायगढ़, छत्तीसगढ़

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दीपक कुमार दास, अपोलो रेडियो लिस्नर्स क्लब, ढोली सकरा, बिहार से अपने क्लब गतिविधियां भेजते है :

२२ मार्च को बिहार दिवस के शुभ अवसर पर एक व्यापक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. इसमें क्लब के युवाओं ने स्वैच्छिक होकर रक्तदान किया. इस अवसर पर डीडब्ल्यू रेडियो का बैनर भी लगाया गया था. 24 मार्च को क्लब ने विश्व तपेदिक दिवस के अवसर पर घातक रोग टी.बी. के बचाव की जागरूकता का काम किया. ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और गंदगी, भोजन पर्याप्त नहीं मिलने के कारण टी.बी. रोग फैलता जा रहा है. आज सरकार के स्वास्थ्य विभाग के दावों के बावजूद रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है.

क्लब सदस्य पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण का बड़े पैमाने पर कार्य कर रहे हैं. लोगो में इस विषय पर जागरूकता अभियान भी चल रहा है.

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अतुल कुमार, राजबाग रेडियो लिस्नर्स क्लब, सीतामढ़ी, बिहार से एसएमएस द्वारा कार्यक्रमों पर अपनी प्रतिक्रियाएं देते हैं:

विश्वकप फुटबाल चैम्पियनशिप में मेज़बान टीम को किस प्रकार से मानसिक फायदा पंहुचता है जो वह प्रायः विजेता का स्वाद चख लेते हैं, मैच प्वाइंट में इस पर विस्तार से की गई विवेचना ने हमारे खेल ज्ञानकोष को बढ़ाया. शूमाकर के हादसे की जानकारी पाकर काफी दुःख हुआ. यह सही है कि उनकी बढ़ती उम्र का प्रभाव उनके प्रदर्शन पर रहा है लेकिन शेर कितना भी बूढ़ा हो जाये वह शेर ही कहलाता है. दिशा उप्पल और प्रियाजी को इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए धन्यवाद.

प्रकृति को चुनौती देने का दुष्परिणाम चीन भुगत रहा है. लाइफ लाइन में इस विषय पर विस्तार से की गई चर्चा विचारोतेजक लगी. प्रक्रति से छेड़ छाड़ एक ज्वलंत समस्या बनती जा रही है. अत्यधिक विकास की होड़ में समूचा विश्व निकट भविष्य में प्रकृति के प्रकोप को झेलेगा. सबसे बड़े सुख से गुजर रहा एशिया का सबसे बड़ा देश चीन को देख अन्य देश अगर सबक लेते हैं तो शायद पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिले.

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बद्री प्रसाद वर्मा अनजान, स्वर्गीय मीनू रेडियो श्रोता क्लब, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश से ने यह कविता लिख भेजी है

आपकी बारी आपकी बात

आज की महफ़िल में, वीणा मानसी जी आई

अपनी मीठी आवाज़ से, हम श्रोताओ को भरमाई.

आप से मोहब्बत क्या हो गई, मिल गई हमें खुदाई

हमारे घर में रोज बजती है डायचे वेले की शहनाई.

मिला था वीणा जी से वाराणसी में, प्रिया जी भी वहां थी आई

बहुत दिनों के बाद, मिले थे बहन भाई.

आंखों में आंसू आ जाते हैं हमारे, जब भी आप की याद आई

बंद होती नहीं हैं, मेरी घंटो तक रुलाई.

डायचे वेले को सुनते 40 साल गुजर गए, हाय क्या तुमसे दिल लगाई

प्यार मोहब्बत की बातें रोज ही होती हैं, कभी दूर होती नहीं मेरी तन्हाई.