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फाइनल हारे पर दिल जीते बोपाना-कुरैशी

११ सितम्बर २०१०

पाकिस्तान के एसाम उल हक कुरैशी और भारत के रोहन बोपाना की जोड़ी अमेरिकी ओपन के पुरुष डबल्स मुकाबले के फाइनल में हार गए हैं. भारत, पाक के बीच शांति का संदेश दिया है जोड़ी ने और सरहद पर टेनिस खेलने की ख्वाहिश जताई.

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ब्रायन बंधुओं से मिली हारतस्वीर: AP

कुरैशी और बोपाना की जोड़ी को अमेरिका के बॉब ब्रायन और माइक ब्रायन की जोड़ी ने हराया जिसे पहली वरियता हासिल है. मुकाबला कड़ा रहा लेकिन ब्रायन बंधुओं के आगे बोपाना और कुरैशी खिताब से दूर रहे और 6-7, 6-7 से मैच हार गए. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत हरदीप सिंह पुरी और पाकिस्तान के राजदूत अब्दुल्लाह हुसैन हारून ने मैच के दौरान दोनों खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया. कुरैशी और बोपाना की जोड़ी को इंडो पाक एक्सप्रेस का नाम दिया गया है.

इस जीत के साथ ही ब्रायन भाइयों के एटीपी डबल्स टाइटल की संख्या बढ़ कर 65 हो गई है और यह उनका तीसरा अमेरिकी ओपन खिताब है. कुल मिलाकर वे 9 ग्रैंड स्लैम टाइटल जीत चुके हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया के टॉड वुडब्रिज और मार्क वुडफोर्ड के रिकॉर्ड से दो टाइटल पीछे हैं. कुरैशी और बोपाना से मिली टक्कर का सम्मान करते हुए बॉब ब्रायन ने माना कि उनके लिए यह अब तक सर्वश्रेष्ठ मैच रहा. "हमने अब तक ऐसा मैच नहीं खेला. दोनों खिलाड़ी अविश्वसनीय हैं. हमें आगे बढ़कर अपनी ऊर्जा को झोंकना पड़ा."

U.S. Open Tennis Bopanna Aisam-Ul-Haq
तस्वीर: AP

मैच के बाद ऑर्थर एश स्टेडियम में जब कुरैशी ने अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक दूरियों पर अपना पक्ष रखा तो उन्हें जबरदस्त समर्थन मिला और लोगों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया. "मुझे लगता है कि आमतौर पर समझा जाता है कि पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है. लेकिन हम एक शांतिप्रिय देश हैं और हम भी उतनी ही शांति चाहते हैं जितना कि आप लोग."

अपने शानदार प्रदर्शन को 2 करोड़ बाढ़ प्रभावितों को समर्पित करने वाले एसाम कुरैशी ने खेद जताया कि वह यह मैच जीत नहीं पाए. कुरैशी ने कहा कि ब्रायन भाइयों ने दिखा दिया कि क्यों वे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ जोड़ी हैं.

बोपाना ने कुरैशी और अपने प्रदर्शन पर संतुष्टि जाहिर की और कहा कि वह एसाम के शुक्रगुजार हैं कि वह उनके साथ खेल रहे हैं. कुरैशी और बोपाना ने जोहानेसबर्ग में पहला डबल्स खिताब इस साल फरवरी में जीता. बोपाना और कुरैशी ने ब्रायन बंधुओं को पिछले महीने ही वॉशिंगटन में हराया और विम्बलडन के बाद वह माइक और बॉब ब्रायन की पहली हार थी. लेकिन इस बार वह अपनी सफलता दोहराने में नाकाम रहे.

अपने बेहतरीन प्रदर्शन से रोहन बोपाना और एसाम कुरैशी की जोड़ी ने भारत और पाकिस्तान के खेलप्रेमियों के दिलों में एक खास जगह बना ली और उन्हें शांति के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है. दोनों खिलाड़ियों ने शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए सरहद पर टेनिस खेलने की इच्छा भी जाहिर की है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: वी कुमार

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