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फिर सामने आया क्रिकेट पर अंडरवर्ल्ड का साया

४ सितम्बर २०१०

पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर लगे मैच फिक्सिंग के आरोपों के चलते क्रिकेट पर अंडरवर्ल्ड के साये का डर फिर से बाहर आ गया है. पाकिस्तानी खिलाड़ियों के एजेंट होने के आरोपी मजीद का कहना है कि वह भारतीय पार्टी के लिए काम करता है.

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अंडरवर्ल्ड की दुनिया की बेताज बादशाह दाऊद इब्राहिमतस्वीर: AP

हालांकि अब तक यह बात सामने नहीं आई है कि मजहर मजीद ने किन भारतीयों के नाम लिए हैं, लेकिन पिछले कुछ बरसों में क्रिकेट में अंडरवर्ल्ड के दखल और मैच फिक्सिंग की बातें कई बार सामने आ चुकी हैं. अकसर इसका केंद्र दक्षिण एशिया ही रहा है.

भारत क्रिकेट के पैसे का केंद्र है. खेल का 70 फीसदी पैसा यहीं से आता है. इसलिए इसे सट्टेबाजी के गिरोहों की भी पसंदीदा जगह माना जाता है. बताया जाता है कि एशिया और खाड़ी देशों में सट्टेबाजों के कई गिरोह सक्रिय हैं.

भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2000 में उस मैच फिक्सिंग स्कैंडल की जांच की थी, जिसमें तीन अंतरराष्ट्रीय कप्तान लपेटे में आए. तब भी सीबीआई ने अंडरवर्ल्ड के संपर्क होने की बात कही. सीबीआई रिपोर्ट में कहा गया, "जांच के दौरान हमें पता चला कि खेल के दौरान बनने वाला आसान पैसा अंडरवर्ल्ड को अपनी ओर खींच रहा है. ऐसा लगता है कि जल्दी ही कुछ बड़े संगठित गिरोह इस रैकेट को अपने नियंत्रण में ले लेंगे. इसका असर न सिर्फ क्रिकेट पर होगा बल्कि देश की सुरक्षा पर भी होगा."

Cricket Testspiel Pakistan gegen England Oval Stadion
तस्वीर: picture-alliance/empics

इस जांच रिपोर्ट के बाद आईसीसी ने साउथ अफ्रीका के हैंसी क्रोन्ये, भारत के मोहम्मद अजहरूद्दीन और पाकिस्तान के सलीम मलिक पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था. तब हैंसी क्रोन्ये ने सट्टेबाजों से संपर्क होने की बात मानी थी, लेकिन मैच फिक्सिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया था. 2002 में एक विमान हादसे में उनकी मौत हो गई. केप टाउन के पास हुआ यह विमान हादसा भी शक के घेरे में रहा है.

जब 2007 में वेस्ट इंडीज में खेले गए वर्ल्ड कप के दौरान पाकिस्तानी कोच बॉब वूल्मर की मौत हुई, तब भी जमाइका की पुलिस ने इसे शुरू में कत्ल मानते हुए जांच की. इस अपराध के लिए भी उंगलियां अंडरवर्ल्ड पर ही उठीं.

क्रिकेट के जानकार मानते हैं कि यह एक ऐसा चक्कर है जिसमें एक बार फंस जाएं, तो निकलना मुश्किल है और इसमें लोगों को जबरन धकेला जाता है. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ज्यॉफ लॉसन ने पिछले हफ्ते सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड को बताया, "मुझे बिल्कुल हैरत नहीं होगी अगर सट्टेबाजों ने खिलाड़ियों से कहा हो कि अगर वे उनके मुताबिक नहीं खेले तो उनके परिवार वालों को अगवा कर लिया जाएगा."

लॉसन पाकिस्तानी कोच के तौर पर अपनी भूमिका के दौरान की एक घटना याद करते हैं. वह बताते हैं कि एक पाकिस्तानी चयनकर्ता ने उनसे एक खिलाड़ी को टीम में रखने की गुजारिश की क्योंकि अंडरवर्ल्ड ने उनकी बेटी के अपहरण की धमकी दी थी.

1997 में पाकिस्तान के खिलाड़ी वसीम अकरम ने दावा किया कि उनके पिता का अपहरण हो गया है. तब उनकी टीम साउथ अफ्रीका से एक टेस्ट मैच हार गई थी जबकि वह बहुत अच्छी स्थिति में थी. यानी भद्र पुरुषों के खेल क्रिकेट में सब पाक-साफ नहीं है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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