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फ्रांस में फोन टैपिंग पर विवाद

१३ मार्च २०१४

फ्रांसीसी न्याय मंत्री ने पद छोड़ने की मांगों को ठुकराते हुए कहा है कि उन्हें पूर्व राष्ट्रपति निकोला सारकोजी के फोन टैपिंग की पहले से जानकारी नहीं थी. सारकोजी समर्थक सरकार पर चुनावों के ठीक पहले दबाव बनाते दिख रहे हैं.

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Nicolas Sarkozy Telefon Handy
तस्वीर: Benoit Tessier/AFP/Getty Images

पूर्व राष्ट्रपति सारकोजी के नेतृत्व वाली विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी ने वर्तमान सरकार पर जासूसी करने का आरोप लगाया है. फ्रांस के समाचारपत्र ले मोंडे में पिछले हफ्ते प्रकाशित एक रिपोर्ट में सारकोजी के फोन टैपिंग की खबर छपी थी. इन आरोपों से इनकार करते हुए सोमवार को न्याय मंत्री क्रिस्टियान तोबिरा ने कहा था कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी. अगले ही दिन फ्रांस के प्रधानमंत्री जॉं मार्क एरो ने सार्वजनिक रूप से यह माना कि उन्हें और न्याय मंत्री तोबिरा को खबर थी कि सारकोजी के फोन पर निगरानी रखी जा रही थी. ऐसे में राष्ट्रपति ओलांद की सरकार पर दबाव बढ़ता दिखाई दे रहा है और विपक्षी दल तोबिरा के पद छोड़ने की मांग कर रहा है. स्थानीय चुनाव ओलांद की पार्टी और सरकार के लिए भी अहम हैं.

माना जा रहा है कि मार्च में होने वाले स्थानीय चुनाव से पहले सारकोजी का दल राष्ट्रपति ओलांद की सोशलिस्ट पार्टी को घेरने की कोशिश कर रहा है. तोबिरा फ्रांस की सत्तारूढ़ लेफ्ट पार्टी की बहुत लोकप्रिय नेता हैं. बीते साल वह काफी चर्चा में रहीं, जब समलैंगिक शादियों के विरोध में सड़कों पर हो रहे कड़े विरोध प्रदर्शनों के बावजूद उन्होंने इसे कानूनी वैधता दिला दी.

सारकोजी पर कई गंभीर आरोप

सारकोजी की पार्टी यूएमपी पर भी 2012 में ओलांद से चुनाव हारने के बाद से कई आरोप लगे हैं. सारकोजी पर आरोप है कि उन्होंने फ्रांस की सबसे रईस मानी जाने वाली अरबपति महिला लॉरियल हाइरेस लिलियाने बेटेनकूर से निजी प्रचार के लिए हजारों यूरो लिए. यूएमपी पर यह भी आरोप है कि उन्होंने लीबियाई नेता मुअम्मर गद्दाफी से 2007 में अपने चुनाव अभियान के खर्चे के लिए चंदा लिया. इस मामले की जांच पिछले साल अप्रैल में शुरू हुई और अब भी जांच के अलग अलग पहलुओं पर रहस्य बना हुआ है. इन कानूनी मामलों में दोषी करार दिए जाने पर 59 साल के सारकोजी पर पांच साल के लिए कोई भी सार्वजनिक पद लेने से रोक लगाई जा सकती है. जिससे उनका राजनैतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है.

आरआर/एएम (एएफपी, रॉयटर्स)