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बंगलुरू धमाके के बाद बढ़ी चौकसी

२९ दिसम्बर २०१४

भारत सरकार ने बंगलुरू में हुए बम धमाके को आतंकी हमला बताया है. मामले की जांच को राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए को सौंपने का फैसला आरंभिक जांच के बाद होगा. रविवार को धमाके में एक महिला की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए.

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तस्वीर: picture-alliance/epa/Jagadeesh Nv

कम ताकत वाले वाले बम धमाके के एक दिन बाद नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक हुई. बैठक के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि धमाके की प्रकृति और उसके पीछे कौन था, इसके बारे में जांच के बाद ही पता चलेगा. गृह मंत्री ने कहा, "जरूरी होगा तो जांच का काम एनआईए को सौंपा जाएगा." उन्होंने कर्नाटक सरकार को बंगलुरू धमाके के मामले में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है और आईटी सिटी के प्रमुख इलाकों में सीसीटीवी लगाने को कहा है. गृह मंत्री ने दूसरी प्रांतीय सरकारों से भी यह अपील की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस प्रयास में हर तरह की मदद देने को तैयार है.

गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया, "यह आतंकी हमला था." उन्होंने कहा कि जांचकर्ता सबूतों को पिरोने की कोशिश कर रहे हैं और धमाके के सूत्रधारों का पता करने का प्रयास हो रहा है. उन्होंने कहा, "इसके बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. जांच चल रही है." बंगलुरू में हुए बम हमले के बाद दिल्ली, मुंबई और पुणे में पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है.

सरकारी सूत्रों ने कहा है कि जांच में स्थानीय पुलिस की मदद के लिए दो केंद्रीय टीमों को बंगलुरू भेजा गया है. इनमें कुछ जांचकर्ता और विस्फोटक विशेषज्ञ शामिल हैं. हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी ने नहीं ली है लेकिन घटनास्थल के नजदीक पकड़े गए दो लोगों से पूछताछ जारी है. पुलिस का कहना है कि विस्फोटक को एक टाइमर की मदद से उड़ाया गया. पुलिस ने शहर के कारोबारियों से नए साल के समारोहों के दौरान अतिरिक्त चौकसी बरतने को कहा है.

बंगलुरू के पुलिस कमिश्नर एमएन रेड्डी ने कहा है कि पुलिस ने चौकसी और शहर में गश्तें भी बढ़ा दी हैं. धमाके के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि 38 वर्षीय महिला को धमाके में सर में चोट लगी जिसकी वजह से अस्पताल में उसकी मौत हो गई. पुलिस कमिश्नर ने बताया, "धमाके में घायल दो लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है."

2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में 166 लोगों के मारे जाने के बाद, भारत ने अपनी आतंरिक सुरक्षा को चुस्त करने के प्रयास किए हैं. सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि जमीनी इंटेलिजेंस के मामले में सुरक्षा बल अभी भी अत्यंत कमजोर है. दिसबंर में ही पुलिस ने बंगलुरू के एक आईटी एक्जक्यूटिव को इस्लामिक स्टेट आईएस ग्रुप के लिए रंगरूटों की भर्ती करने वाला ट्विटर अकाउंट चलाने के आरोप में पकड़ा था. सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आईटी सिटी बंगलुरू पर आतंकी हमलों की आशंका बढ़ रही है.

एमजे/आरआर (पीटीआई, एएफपी)