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बढ़ती उम्र से घटता आर्थिक विकास

८ अगस्त २०१४

जैसे जैसे दुनिया में लोगों का जीवनकाल बढ़ रहा है, वैसे वैसे विश्व अर्थव्यवस्थाओं का विकास धीमा पड़ता जा रहा है. अनुमान है कि आने वाले 20 साल में ऐसा ही ट्रेंड रहेगा.

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तस्वीर: DW/S. Huseinović

बुजुर्गों और युवाओं के जीवन की वजह से अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला प्रभाव अब सिर्फ विकसित देशों में नहीं रहा. इसका असर विकासशील देशों पर भी पड़ने लगा है. रेटिंग एजेंसी मूडीज ने यह अनुमान लगाया है. एजेंसी ने चेतावनी दी है कि इसकी वजह से दुनिया भर में आर्थिक विकास 2019 तक 0.4 फीसदी घट जाएगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 और 2025 तक इसका ज्यादा असर पड़ेगा और विकास दर 0.9 फीसदी तक घट सकती है. इसका कहना है कि इसकी सूची के 60 फीसदी से ज्यादा देशों में तेजी से उम्रदराज लोग बढ़ रहे हैं. इसका कहना है कि फिलहाल तीन देशों की आबादी का पांचवां हिस्सा 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का है. 2020 तक ऐसे 13 देश और 2030 तक ऐसे 34 देश हो जाएंगे. अमेरिकी कंपनी मूडीज देशों की अर्थव्यवस्था और सार्वजनिक वित्तीय व्यवस्थाओं की रेटिंग करती है.
जब किसी देश में काम करने वालों से ज्यादा आबादी रिटायर हो चुके लोगों की होती है, तो इसका असर सार्वजनिक और निजी संसाधनों पर पड़ता है. इन्हें बुजुर्गों के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध करानी पड़ती हैं. इस रिपोर्ट में 33 विकसित और 22 विकासशील देशों को शामिल किया गया है. एजेंसी की वरिष्ठ वाइस प्रेसिडेंट एलेना डुगर का कहना है, "बढ़ती उम्र में हो रहा बदलाव लंबे समय की समस्या मानी जाती है. इसकी वजह से आर्थिक विकास धीमा होगा."
वैश्विक स्तर पर पिछले 15 साल में काम करने वालों की आबादी जिस गति से बढ़ी है, अगले 15 साल में वह रफ्तार आधी हो जाएगी. मूडीज का कहना है कि अफ्रीका के कुछ देशों को छोड़ कर ज्यादातर देशों के आर्थिक विकास की दर घट जाएगी. जर्मनी, यूक्रेन, जापान और रूस जैसे 16 देशों में 2030 तक काम करने वाले लोगों की संख्या 10 प्रतिशत कम हो जाएगी.
एजेए/एएम (एएफपी)

Saida und Alaseer Libanon
अर्थव्यवस्था पर पड़ता असरतस्वीर: Muammar Atwi Lebanon