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बनावटी खूबसूरती बंद करो

६ सितम्बर २०१३

छरहरी, सुंदर काया, बढ़िया कपड़े और स्टाइल भी, मशहूर फैशन पत्रिका वोग में मॉडलों की ऐसी ही तस्वीरें होती हैं, लेकिन बच्चियां इनकी नकल करने लगती हैं. यही वजह है कि अब खुद वोग को कहना पड़ा है कि तस्वीरें असली नहीं होती हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/Matthias Balk

पत्रिका के ब्रिटेन संस्करण ब्रिटिश वोग ने बच्चों को जागरूक करने के लिहाज से एक शॉर्ट फिल्म भी बनाई है. फिल्म में दिखाया गया है कि मॉडलों को फोटो शूट के लिए कैसे तैयार किया जाता है. मॉडलों को चमकाने के पीछे कितने मेकअप आर्टिस्ट और कितने स्टाइलिस्ट होते हैं. सेट पर कितनी ज्यादा तैयारियां की जाती हैं, कितनी लाइटें लगती हैं और बाद में डिजिटल तकनीक से तस्वीरों को कैसे बेहतर किया जाता है. ये सब शॉर्ट फिल्म में है.

फिल्म को इस हफ्ते ब्रिटेन के स्कूलों में मुफ्त दिखाया जाएगा. फिल्म खास तौर पर 13 साल के बच्चों को दी जाएगी. फिल्म के जरिए ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि किशोर और युवा हीन भावना के शिकार न हों.

ब्रिटिश वोग की संपादक एलेक्जेंड्रा शुलमैन के मुताबिक, "वोग में फैशन की एक तस्वीर के पीछे क्या कुछ करना पड़ता है. मैंने ये दिखाने का फैसला किया है कि एक अंतिम चीज के पीछे किस तरह की कुशलता और कृत्रिमता होती है."

Fashion-Week Berlin Lena Hoschek
हर फोटो शूट के पीछे कई दिन की तैयारी और ठीक ठाक खर्चातस्वीर: picture-alliance/dpa

किशोरों को वोग की तस्वीरों की नकल न करने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा, "हमारा मकसद है कि वोग की फैशन तस्वीर के जरिए उच्च प्रतिभाशाली डिजाइनरों के बनाए गए कपड़ों को दिखाते हुए प्रेरणा दें और मनोरंजन करें. इसी सोच के साथ ये तैयार की जाती हैं, हकीकत से इनका कोई संबंध नहीं है."

शॉर्ट फिल्म बनाने के साथ ही पत्रिका यह मान रही है कि शायद बच्चों तक ये संदेश नहीं जाता. संपादक के मुताबिक, "दिक्कत तब होती है जब लोग खुद की तुलना पत्रिका के पन्नों पर दिखते मॉडलों से करने लगते हैं और सोचते हैं कि उनके भीतर कुछ कमी है."

ओएसजे/एनआर(एएफपी)

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