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लोकतंत्र और आजादी की रक्षा करनी होगी: मैर्केल

९ नवम्बर २०१९

बर्लिन दीवार गिरने की 30वीं वर्षगांठ पर जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने यूरोप से आग्रह किया है कि लोकतंत्र और आजादी की रक्षा की जाए. उन्होंने कहा कि हमने जो हासिल किया है, उसकी अहमियत को समझना होगा.

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Berliner Mauer Bruderkuss
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. A. Vitvitsky

बर्लिन को दो हिस्सों में बांटने वाली इस दीवार को कभी "मौत की पट्टी" कहा जाता था. कम्युनिस्ट पूर्वी बर्लिन से लोकतांत्रिक पश्चिमी बर्लिन में जाने के लिए दीवार को फांदते हुए बहुत से लोगों ने यहां जान गंवाई. लेकिन 28 साल तक खड़ी रहने के बाद 9 नवंबर 1989 को अचानक इस दीवार को लोगों ने गिरा दिया. इसी के बाद पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के एकीकरण का रास्ता साफ हुआ.

30वीं वर्षगांठ का मुख्य समारोह बर्लिन दीवार की जगह बने एक चर्च में हुआ. चांसलर मैर्केल ने कहा कि यह बर्लिन दीवार याद दिलाती है कि "हमें आजादी और लोकतंत्र के लिए अपना योगदान देना है." उन्होंने यूरोप भर से आए गणमान्य मेहमानों के सामने कहा, "वे मूल्य जिनकी बुनियाद पर यूरोप खड़ा है, वे स्पष्ट हैं. वे हमेशा रहने चाहिए और हमें उनकी रक्षा करनी होगी."

तीस साल पहले पूर्वी हिस्से में बर्लिन दीवार के पास  9 नवंबर को भारी संख्या में लोग जमा हुआ. उन्हें देखते हुए दीवार पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने गेट खोल दिया और बेहद भावुक पलों के बीच 28 साल में पहली बार बड़ी तादाद में लोग पूर्वी बर्लिन से पश्चिमी बर्लिन में दाखिल हुए. इस घटना ने पूर्वी जर्मनी की कम्युनिस्ट सत्ता को हिला दिया और आखिरकार इसके एक साल बाद संयुक्त जर्मनी अस्तित्व में आया.

Deutschland Berlin Gedenkfeier 30 Jahre Mauerfall
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Schwarz

बीते 30 साल में जर्मनी यूरोप में एक बड़ी आर्थिक और राजनीतिक ताकत बन कर उभरा है. लेकिन उदार लोकतंत्र की चाहत और एकजुटता की भावना अब धुंधली पड़ती जा रही है. यूरोपीय एकता को आज चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. यूरोपीय संघ में दरारें साफ नजर आती हैं. यूरोपीय संघ का कहना है कि हंगरी और पोलैंड जैसे देश "कानून के शासन" को चुनौती दे रहे हैं.

जर्मनी भी घरेलू स्तर पर धुर दक्षिणपंथी राजनीति के उभार से जूझ रहा है. राष्ट्रवाद और प्रवासी विरोध के लोकलुभावन नारों के जरिए धुर दक्षिणपंथी एएफडी पार्टी लगातार लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है, खासकर देश के पूर्वी राज्यों में उसने अच्छी खासी पैठ बना ली है.

ऐसे में, मैर्केल ने अतीत से सबक लेने की बात कही है. उन्होंने कहा कि बर्लिन की दीवार का गिरना एक "इतिहास है और यह हमें बताता है कि लोगों को बांटने वाली और उनकी आजादी को सीमित करने वाली कोई भी दीवारी इतनी ऊंची और मोटी नहीं हो सकती कि उसमें सेंध ना लगाई जा सके." उन्होंने कहा, "यह पूरब और पश्चिम में हम सब पर लागू होता है: हम सब बहानों को छोड़ें और आजादी और लोकतंत्र  के लिए अपना योगदान दें."

Deutschland Berlin Gedenkfeier 30 Jahre Mauerfall Steinmeier mit Visegrad-Gruppe
तस्वीर: Reuters/A. Hilse

आसमान में घिरे बादलों के बीच जर्मन राष्ट्रपति फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर पोलैंड, चेक गणराज्य और स्लोवाकिया के राष्ट्रपतियों के साथ मिल कर बेर्नाउअर श्ट्रासे पर बर्लिन दीवार के अवशेषों के पास गए और वहां गुलाब के फूल रखे. श्टाइनमायर ने इस मौके पर कम्युनिस्ट सत्ता को ध्वस्त करने वाली शांतिपूर्ण क्रांति में मध्य यूरोपीय लोगों के योगदान की सराहना की.

बाद में दोपहर के भोजन पर उन्होंने मौजूदा दौर की चुनौती पर भी बात की. उन्होंने कहा, "यूरोप में भी, आपके देशों में और यूरोपीय समाजों के बीच यूरोप के भविष्य और अतीत की व्याख्या को लेकर अब पहले से कहीं ज्यादा संघर्ष हो रहा है."

एके/आईबी (एएफपी, एपी)

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