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"इस्लाम जर्मनी का हिस्सा है"

१३ जनवरी २०१५

जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल और राष्ट्रपति योआखिम गाउक मंगलवार को मुस्लिम नेताओं के साथ रैली में हिस्सा ले रहे हैं. रैली का मकसद पेरिस हमलों की निंदा करना और धार्मिक सहनशीलता को बढ़ावा देना है.

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तस्वीर: Reuters/H. Hanschke

बर्लिन के ब्रांडेनबुर्गर गेट पर हो रही इस रैली की तुलना पेरिस के रिपब्लिकन स्क्वायर से की जा रही है. लाखों की तादाद में लोगों के जमा होने की उम्मीद है. सेंट्रल काउंसिल ऑफ मुस्लिम्स इसका आयोजन कर रही है और मुस्लिम नेताओं के अलावा ईसाई और यहूदी नेता भी हिस्सा लेंगे. शाम पांच बजे शुरू होने वाली इस रैली का नारा है, "एकजुट हों, सामने आएं".

रैली से पहले मैर्केल ने बर्लिन में कहा, "बैर, जातिवाद और चरमपंथ के लिए इस देश में कोई जगह नहीं है. यह देश लोकतंत्र, सहनशीलता और दुनिया के प्रति उदारता के स्तंभों पर खड़ा है." रैली में मैर्केल के साथ उनके मंत्रिमंडल के अधिकतर नेता शामिल होंगे. एक दिन पहले इस्लाम विरोधी प्रदर्शनों के जवाब में मैर्केल ने कहा था कि "इस्लाम जर्मनी का हिस्सा है". जर्मनी में चालीस लाख मुस्लिम रहते हैं.

PK zur Islamkonferenz in Berlin
बर्लिन में इस्लाम सम्मेलनतस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Von Jutrczenka

पिछले तीन महीनों से जर्मनी में हर सोमवार इस्लाम विरोधी पेगीडा प्रदर्शन हो रहे हैं. इनका सबसे ज्यादा असर पूर्वी जर्मनी के शहर ड्रेसडेन में देखने को मिल रहा है. इस सोमवार ड्रेसडेन में हुई 12वीं पेगीडा रैली में 25 हजार लोग शामिल हुए. यह अब तक की सबसे बड़ी पेगीडा रैली थी. पेरिस हमलों का असर इन रैलियों पर भी देखने को मिला है. जर्मनी के झंडे के अलावा फ्रांस के झंडे भी लहराए गए और मारे गए लोगों की याद में एक मिनट का मौन भी रखा गया. हमलों के कारण इस्लाम विरोधी भावनाएं बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. पेगीडा के आयोजक और प्रवक्ता लुत्स बाखमन ने इस बारे में कहा, "पेरिस के हमले पेगीडा के अस्तित्व का सबूत हैं." हालांकि पेगीडा के विरोध में भी नौ हजार लोग ड्रेसडेन की सड़कों पर उतरे. इसके अलावा देश भर में पेगीडा के जवाब में हुई अलग अलग रैलियों में कुल एक लाख लोगों ने शिरकत की.

इससे पहले सोमवार को तुर्की के प्रधानमंत्री अहमद दावुतोग्लू के साथ एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैर्केल ने कहा, "जर्मनी चाहता है कि मुस्लिम और अन्य धर्मों के लोग शांतिपूर्ण ढंग से एक दूसरे के साथ रहें." एक दिन पहले दोनों नेता पेरिस में पत्रकारों की हत्या के खिलाफ हुई ऐतिहासिक रैली में शामिल हुए थे. लोकतंत्र के समर्थन में पेरिस के रिपब्लिकन स्क्वायर पर 37 लाख लोग जमा हुए. साथ ही मैर्केल ने पेरिस हमलों की निंदा करने के लिए देश में मुस्लिम नेताओं का शुक्रिया भी अदा किया है.

आईबी/एमजे (डीपीए, एएफपी)