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बहरीन में एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी

एमजे/आरपी (डीपीए)१३ जून २०१६

अभिव्यक्ति की आजादी कहीं भी सुरक्षित नहीं. बहरीन में अधिकारियों ने प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता नबील रजब को फिर गिरफ्तार कर लिया है. यह जानकारी रजब की पत्नी सुमाया रजब ने ट्विटर पर दी.

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Nabeel Rajab Menschenrechtsaktivist Bahrain
तस्वीर: picture-alliance/epa/Mazen Mahdi

51 वर्षीय रजब को 2014 में अधिकारियों का कथित रूप से अपमान करने वाले ट्वीटों के कारण गिरफ्तार किया गया था. बाद में उन्हें स्वास्थ्य कारणों से रिहा कर दिया गया था. लेकिन अब उन्हें राजधानी मनामा के निकट शिया बहुल गांव बानी जामरा में उनके घर से पकड़ा गया है. सुमाया रजब ने ट्वीट किया, "रजब को उनके घर से गिरफ्तार किया गया है. उनके घर की तलाशी भी ली गई है."

मानवाधिकार कार्यकर्ता ने अतीत में सरकार विरोधी रैलियों का आयोजन किया है और वे बहरीन सेंटर ऑफ ह्यूमन राइट्स के प्रमुख हैं. उन्होंने सरकारी अनुमति के बिना होने वाली रैलियों में हिस्सा लेने के आरोप में दो साल जेल में गुजारे हैं. उन्हें उनके ट्वीटों के लिए छह महीने कैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन जुलाई 2015 में माफी दे दी गई थी.

बहरीन में अमेरिकी नौसेना का पांचवां बेड़ा तैनात है. 2011 में शिया नेतृत्व में संवैधानिक राजतंत्र और प्रधानमंत्री के निर्वाचन की मांग करने वाले आंदोलन को सुरक्षा बलों द्वारा दबाए जाने के बाद देश में अशांति है. वाशिंगटन ने सुन्नी शासन द्वारा विरोधियों के दमन की अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा आलोचना के बाद रजब की रिहाई की मांग की थी. रजब की गिरफ्तारी से ठीक पहले एक प्रमुख विपक्षी एक्टिविस्ट जैनब अल ख्वाजा मानवीय आधार पर हुई रिहाई के बाद देश छोड़ कर भाग गई थीं. उन्होंने कहा, "देश छोड़ते हुए तकलीफ है, लेकिन मैं अपने सरोकारों को पीठ पर लिए और देश प्रेम को दिल में लिए जा रही हूं."

गल्फ सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स का कहना है कि शाह की तस्वीर फाड़ने और पुलिस अधिकारी का अपमान करने जैसे आरोपों के तहत ख्वाजा तीन साल जेल में थी. सोमवार को एक अपील अदालत ने 11 शिया लोगों को आतंकवादी गुट बनाने के आरोप में दी गई 10 और 15 साल की सजा बरकरार रखी. उन पर पुलिस और मनामा में सऊदी अरब के दूतावास पर हमले की योजना बनाने के भी आरोप थे. अदालत ने उनकी नागरिकता छीनने के फैसले की भी पुष्टि कर दी.

नागरिक अधिकार संगठनों का कहना है कि बहरीन सरकार ने सऊदी समर्थक सुन्नी शासक के बहुत सारे विरोधियों को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें आम तौर पर लंबी सजाएं सुनाई जाती हैं. हिंसा भड़काने के आरोप में विपक्षी नेता शेख अली सलमान की सजा बढ़ाकर 9 साल कर दी गई है.