बांग्लादेश जाएंगे भारत के कमांडो
८ जुलाई २०१६एक जुलाई के ढाका के एक पॉश कैफे पर हुए आतंकवादी हमले ने नई दिल्ली को भी चिंता में डाला है. हमले में इतालवी, जापानी और भारतीय नागरिकों समेत 22 लोग मारे गए. इस्लामिक स्टेट भारत पर भी ऐसे हमले करने का एलान कर चुका है. आखिर इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों का काम करने का तरीका कैसा है, ऐसे सुराग जुटाने के इरादे से एनएसजी की टीम बांग्लादेश जाएगी. देश की प्रमुख जांच एजेंसी की टीम 7 जुलाई को किशोरगंज में पुलिस पर हुए आतंकवादी हमले की भी समीक्षा करेगी. ईद के दिन हुए इस हमले में दो पुलिसकर्मियों समेत चार लोग मारे गए.
इस्लामिक स्टेट कैफे हमले की जिम्मेदारी ले चुका है. हमले में मारे गए लोगों के शवों की जांच से पता चला है कि आतंकवादियों ने हत्या से पहले उन्हें प्रताड़ित भी किया. नौ इतालवी नागरिकों के शरीर पर चोट या यातना के निशान दिखे. अटॉप्सी रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवादियों ने बंधकों पर चाकू चलाया. कुछ बंधक इन्हीं चोटों के चलते मारे गए.
दूसरी तरफ बांग्लादेश सरकार का कहना है कि उनके देश में इस्लामिक स्टेट मौजूद नहीं है. सरकार हमले के लिए देसी कट्टरपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहरा रही है.
2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को खासी परेशानी हुई थी. उस हमले के बाद कई बदलाव किये गये. लेकिन इस बीच आतंकवादी कैसे हथकंडे अपना रहे है, यह जानना भी जरूरी है. लिहाजा भारत ने बांग्लादेश से एनएसजी अफसरों की टीम को जांच के लिए आने की अनुमति देने की दरख्वास्त की.
एनएसजी की टीम बांग्लादेशी कमांडो फोर्स के साथ सहयोग करेगी. ढाका को उम्मीद है कि भारत की एलीट कमांडो फोर्स से उसकी सुरक्षा एजेंसियों को भी काफी कुछ सीखने को मिलेगा. एनएसजी की टीम पहले भी दूसरे दोस्ताना मुल्कों में जाकर आतंकी वारदातों की समीक्षा कर चुकी है. यह पहला मौका है जब टीम बांग्लादेश जा रही है.