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बांग्लादेश ने भारत को पीछे छोड़ा

१९ सितम्बर २०१३

भारत में धीमे होते विकास दर और विदेश व्यापार में भारी घाटे की खबरों के बीच जर्मनी को होने वाले उसके निर्यात में और कमी आई है. ताजा आंकड़ों के अनुसार बांग्लादेश टेक्सटाइल्स के सबसे बड़े सप्लायर के रूप में उभरा है.

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तस्वीर: JEWEL SAMAD/AFP/Getty Images

टेक्सटाइल्स के भारी निर्यात की वजह से बांग्लादेश पिछले साल जर्मनी के खुदरा कारोबार के लिए तीसरा सबसे बड़ा सप्लायर हो गया है. जर्मनी के खुदरा कारोबार संघ की विदेश व्यापार ईकाई ने कहा है कि बांग्लादेश ने अपने पड़ोसी भारत को इस जगह से हटा दिया है.

भारत और जर्मनी ने 2012 तक द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाकर 20 अरब यूरो का लक्ष्य रखा था, लेकिन वित्तीय संकट के कारण यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया. जर्मनी यूरोप में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. जर्मन विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार द्विपक्षीय कारोबार में 5.5 फीसदी की कमी आई और वह गिरकर 17.4 अरब यूरो हो गया.

पिछले साल जर्मनी को होने वाले भारतीय निर्यात में 7 प्रतिशत की कमी आई और वह 7 अरब यूरो रहा जबकि जर्मनी से भारत की खरीद में भी 4 प्रतिशत की कमी हुई. भारत ने जर्मनी से कुल 10.4 अरब यूरो का माल खरीदा. व्यापार संतुलन जर्मनी के पक्ष में रहा.

भारत से आयात घटा

Bangladesch Tote bei Einsturz von Textilfabrik 24.04.2013
तस्वीर: MUNIR UZ ZAMAN/AFP/Getty Images

खुदरा कारोबारियों के संघ एवीई के जनरल मैनेजर यान एगर्ट का कहना है, "बांग्लादेश दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण टेक्सटाइल्स सेंटर बनता जा रहा है." बांग्लादेश से होने वाले टेक्सटाइल्स निर्यात में 2012 में एक साल पहले के मुकाबले 16 फीसदी की वृद्धि हुई है. एवीई के अनुसार भारत से होना वाला आयात 23 फीसदी घटा है.

जर्मनी के लिए चीन अभी भी आयात का सबसे महत्वपूर्ण देश है, जहां से बड़े पैमाने पर आयात होता है, लेकिन चीन से होने वाले आयात में भी 2012 में 5 फीसदी की कमी आई. खुदरा व्यापार के लिए दूसरा सबसे ज्यादा आयात तुर्की से होता है. वहां से होने वाले आयात में पिछले साल 2 फीसदी की वृद्धि हुई.

बांग्लादेश चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल उत्पादक है. वहां से होने वाले निर्यात का 80 फीसदी हिस्सा कपड़े और जूतों का है, जिसकी मात्रा 19 अरब यूरो के बराबर है. बांग्लादेश सस्ता उत्पादन करने वाले देश के रूप में मशहूर है. वहां के कर्मचारियों को महीने में औसत 29 यूरो मजदूरी मिलती है.

बांग्लादेश के मजदूर संगठन कपड़ा उद्योग में काम की खराब परिस्थितियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं जबकि पश्चिमी देशों में साफ सुथरे कपड़ों का अभियान ब्रांड कंपनियों पर कपड़ा उद्योग में हुई दुर्घटनाओं के लिए मजदूरों को मुआवाजा देने के लिए दबाव डाल रहा है. पिछले साल हुई एक दुर्घटना में सैकड़ों लोग मारे गए थे.

एमजे/आईबी (एएफपी)

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