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बांग्लादेश में फिर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा

विवेक कुमार
३१ अक्टूबर २०१६

बांग्लादेश में एक बार फिर अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला हुआ है. ब्राहम्नबरिया के नसीरनगर इलाके में 15 मंदिर को तोड़ा गया, 100 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचाया गया और लूटपाट की गई.

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Bangladesch Kali Puja
तस्वीर: imago/ZUMA Press

फेसबुक पर इस्लाम के खिलाफ टिप्पणी लिखने का इल्जाम लगाते हुए कुछ लोगों ने ये तोड़फोड़ की. माधबपुर इलाके में भी दो मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया. दिवाली की दोपहर कई घंटे चली इस लूटपाट के लिए पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है. नसीरनगर और माधबपुर में पुलिस, आर्म्ड पुलिस बटालियन और रेपि़ड एक्शन बटालियन के अलावा बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को भी तैनात किया गया है.

इलाके में रहने वाले हिंदू डरे हुए हैं क्योंकि यह पहली घटना नहीं है. इस तरह की घटनाएं पिछले कुछ महीनों से लगातार हो रही हैं. जनवरी में एक मदरसे के छात्र की मौत के बाद भी इसी तरह की तोड़फोड़ हुई थी. तब जानेमाने संगीतकार उस्ताद अलाउदीन खान के नाम पर बने स्कूल में तोड़फोड़ की गई थी.

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रविवार को हुई घटना की शुरुआत शुक्रवार को फेसबुक पर लिखी गई एक पोस्ट से हुई. रसराज दास नाम के व्यक्ति ने फेसबुक पर जो लिखा उसे इस्लाम विरोधी माना गया और ईशनिंदा के आरोप में पुलिस ने रसराज को शुक्रवार को ही गिरफ्तार कर लिया था. उस पोस्ट के खिलाफ प्रदर्शन के लिए अहले सुन्नत वल जमात नाम के संगठन ने आह्वान किया था. ब्राह्मनबरिया प्रेस क्लब के सामने कुछ मदरसा छात्रों ने प्रदर्शन किया.

सैकड़ों लोगों ने मुख्य मार्गों को बंद कर दिया और टायरों को आग लगा दी. पुलिस ने बताया कि इसके बाद भीड़ मंदिरों की ओर बढ़ गई. उस भीड़ में मौजूद लोगों के पास छोटे मोटे हथियार थे. उन्होंने पहले दुत्तूबाड़ी, नामशुदापारा, घोषपारा और जगन्नाथ में मंदिरों को नुकसान पहुंचाया. उसके बाद हिंदू बस्ती में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई.

बीडी न्यूज को जिलाधीश रिजवानुर रहमान ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को ऐसी सख्त सजा दी जाएगी कि दूसरों के लिए मिसाल बने.

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