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बांग्लादेश में विरोध जारी

Abha Mondhe११ नवम्बर २०१३

बांग्लादेश में मजदूरों के वेतन में बढ़ोतरी का विवाद मजदूरों के विरोध के बीच गहराया. पिछले दिनों बांग्लादेश वेतन बोर्ड ने कपड़ा मजदूरों के वेतन 77 फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन फैक्ट्री मालिक राजी नहीं हैं.

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तस्वीर: Reuters

हड़ताल के दौरान तोड़फोड़ कर रहे मजदूरों को काबू में करने के लिए पुलिस ने रबर बुलेट और पानी की तेज बौछारों का इस्तेमाल किया. मजदूरों के हड़ताल पर जाने से बांग्लादेश की 100 से ज्यादा कपड़ा फैक्ट्रियां ठप्प हो गई हैं.

राजधानी ढाका के व्यावसायिक इलाके आशुली में चल रहे प्रदर्शन के दौरान पथराव काबू में करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस भी छोड़ी.

पुलिस अधिकारी अब्दुस्सत्तार ने बताया कि करीब 30,000 मजदूर सड़कों पर उतर आए हैं. उन्होंने बताया, "सैकड़ों मजदूर आपे से बाहर हो गए और उन्होंने तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया. हमने आंसू गैस का इस्तेमाल कर उन्हें हटाया." इस दौरान कई लोग घायल भी हो गए. हड़ताल में बंद आशुली की इन फैक्ट्रियों से देश का 20 फीसदी कपड़ा निर्यात होता है.

इस साल बांग्लादेश की फैक्ट्रियों में हुए हादसों के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार संगठनों की ओर से भी बांग्लादेश में मजदूरों की हालत की कड़ी आलोचना होती रही है.

फैक्ट्री मालिक तैयार नहीं

फैक्ट्री मालिकों का कहना है कि वेतन में 77 फीसदी बढ़ोतरी से उन पर दबाव पहुत ज्यादा हो जाएगा, इतना वेतन देना उनके लिए मुश्किल है.

बांग्लादेश में अमेरिका के अलावा यूरोप की कई बड़ी कंपनियों के लिए कपड़ों का निर्माण होता है. कम वेतन पर मुहैया मजदूर और व्यापार समझौतों के चलते बांग्लादेश दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा कपड़ा निर्यातक बना हुआ है. इससे आगे चीन है. बांग्लादेश में बनने वाले कपड़ों का 60 फीसदी यूरोप और 23 फीसदी अमेरिका जाता है.

Bangladesch Demonstration der Textilarbeiter in Dhaka
अप्रैल में हुए राना प्लाजा कांड में 1,130 से ज्यादा मजदूरों ने जान गंवा दी.तस्वीर: Imago/Xinhua

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "फैक्ट्री मालिकों को हमारी मांगों से कोई फर्क नहीं पड़ता. वे तो वह देने के लिए भी तैयार नहीं जो वेतन बोर्ड ने तय किया है." उन्होंने कहा ऐसे में मजदूरों के पास सड़क पर उतर आने के सिवाए और कोई रास्ता नहीं था.

बांग्लादेश में मजदूरों का वेतन दुनिया में सबसे कम वेतन में शामिल है. अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल बांग्लादेश में फैक्ट्री मजदूरों का वेतन दूसरे एशियाई निर्यातक देशों कंबोडिया और वियतनाम के मुकाबले आधा है.

सरकारी दांवपेंच

मजदूरों की हड़ताल के दौरान ही बांग्लादेश में विपक्षी पार्टी की तरफ से भी देशव्यापी हड़ताल चल रही है. उनकी मांग है कि आगामी चुनाव मौजूदा सरकार की निगरानी में ना कराए जाएं.

Bangladesch Dhaka Bus Feuer brennender Bus
बांग्लादेश में विपक्षी पार्टी की तरफ से भी देशव्यापी हड़ताल चल रही है, जिसमें काफी तोड़फोड़ हुई है.तस्वीर: Reuters

सरकार और विपक्ष के बीच चल रही खींचतान और मजदूरों की हड़ताल के बीच कपड़ा निर्यात व्यवसाय को भारी नुकसान हो रहा है. बांग्लादेश की फैक्ट्रियों में लगभग 40 लाख लोग काम करते हैं जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं. अप्रैल में हुए राना प्लाजा कांड में 1,130 से ज्यादा मजदूरों के मारे जाने के बाद से वहां के मजदूरों की दशा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है.

इससे पहले सितंबर में भी कपड़ा मजदूर छह दिनों के लिए हड़ताल पर चले गए थे, जिससे देश की 3,200 फैक्ट्रियों 20 फीसदी उत्पादन को नुकसान हुआ. वेतन में इजाफे की मांग के चलते इस साल कई और हड़तालें और प्रदर्शन भी हुए.

एसएफ/ एएम (एएफपी, रॉयटर्स)

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