बाजी बराबर, खतरे में आनंद
१९ नवम्बर २०१३काले मुहरों से खेलते हुए आनंद को आठवीं बाजी ड्रॉ करने में बहुत मुश्किल नहीं हुई. शतरंज में माना जाता है कि काले मुहरों से हार का खतरा ज्यादा रहता है, लिहाजा विशी के लिए ड्रॉ अच्छा सौदा रहा. लेकिन इससे पहले वह दो बाजियां हार चुके हैं और विश्व चैंपियनशिप में दो अंकों के घाटे में चल रहे हैं.
नॉर्वे के 22 साल के ग्रैंड मास्टर मैगनस कार्लसन 5-3 से बढ़त हासिल कर चुके हैं. यानी बची हुई चार बाजियों में उन्हें तीन ड्रॉ खेलना है. अगर वे 1.5 अंक और हासिल कर लेते हैं, तो लंबे वक्त बाद विश्वनाथन आनंद को विश्व चैंपियन की गद्दी से उतार देंगे. और यह काम भी ऐसे शहर में होगा, जो विशी का अपना शहर है. शतरंज की मौजूदा विश्व चैंपियनशिप चेन्नई में हो रही है.
33 चालों की बाजी
मंगलवार को खेली गई आठवीं बाजी करीब सवा घंटे तक चली. इस दौरान मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने शुरू में कुछ बढ़िया चाल चले लेकिन बाद में उन्हें धीरे धीरे सुरक्षात्मक रवैया अपनाना पड़ा. 33 चालों के बाद दोनों खिलाड़ी इस बात पर राजी हो गए कि इस बाजी को फैसले के बगैर छोड़ दिया जाए. हालांकि यह सौदा नॉर्वे के खिलाड़ी के लिए अच्छा साबित हुआ, जिन्हें अगली बाजी काले मुहरों से खेलनी है.
छठी बाजी जीतने के बाद कार्लसन ने कहा था, "मैं पांचवीं बाजी में मिली जीत का फायदा उठाना चाहता था, इसलिए मैंने छठी बाजी में भी जीत के लिए खेला." उन्हें इसका फायदा बिलकुल मिला और उसी की मदद से वह दो अंकों की लीड लेने में कामयाब रहे और यही लीड अब उनके लिए विश्व खिताब का दरवाजा खोल सकती है.
बर्लिन डिफेंस से शुरुआत
आनंद अपने से आधे उम्र के कार्लसन से किस कदर प्रभावित हैं, उसका नमूना भी आठवीं बाजी में देखने को मिला. उन्होंने शुरुआत बर्लिन डिफेंस से की, जो इस चैंपियनशिप में कार्लसन तीन बार आजमा चुके हैं. दूसरी तरफ कार्लसन ने चौंकाते हुए राजा के सामने वाले प्यादे को दो घर बढ़ा कर खेल की सनसनीखेज शुरुआत की. सात चालों तक एक दूसरे को नापने तौलने के बाद दोनों खिलाड़ियों ने घोड़ों की अदला बदली कर ली. पांच चालों बाद दोनों के एक एक हाथियों ने भी मैदान छोड़ दिया.
हालांकि इन चालों के बीच कार्लसन कहीं भी परेशान नजर नहीं आए और उनके चेहरे पर शांत भाव छाया रहा. पूरी बाजी में थोड़े थोड़े वक्त पर प्यादे कटते रहे और दोनों खिलाड़ियों ने एक खास जगह पहुंच कर हाथ मिला लिया.
विशी बनाम कार्लसन
भारत के ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने पिछले दो दशक में शतरंज की दुनिया पर राज किया है. पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद 2007 के बाद से बिना किसी विवाद के वर्ल्ड चैंपियन बने हुए हैं. इस दौरान उन्होंने मेक्सिको, बॉन, सोफिया और मॉस्को में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में अलग अलग देशों के खिलाड़ियों को पराजित किया.
युवा खिलाड़ी मैगनस कार्लसन को मौजूदा दौर का सबसे बड़ा खिलाड़ी माना जाता है. वह सिर्फ 13 साल की उम्र में ही ग्रैंड मास्टर बन गए और हाल में मॉस्को में हुए मुकाबले में उन्होंने विशी को धूल चटा दी थी. कार्लसन मौजूदा वक्त में दुनिया के पहले नंबर के खिलाड़ी हैं. शतरंज के बड़े खिलाड़ियों का मानना है कि आनंद को भले ही उम्र के साथ तजुर्बा मिल रहा हो लेकिन यही उम्र उनकी जीत के रास्ते में भी आ रही है.
अगर 26 नवंबर तक दोनों खिलाड़ी अंकों की बराबरी पर रहे, तो मैच का मुकाबला टाई ब्रेकर या फिर सडेन डेथ से होगा.
एजेए/एमजी (पीटीआई, एएफपी)