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ईरान से बातचीत

२६ सितम्बर २०१४

इराक और सीरिया में कट्टरपंथी आइसिस के बढ़ते प्रभाव के बीच ईरान की अहमियत बढ़ रही है. ईरान के साथ परमाणु विवाद खत्म करने की कोशिशों के बीच जर्मनी के विदेश मंत्री ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी से मुलाकात की.

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Bundesaußenminster Frank Walter Steinmeier Bundestag 11.9.2014
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Sohn

फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने चेतावनी दी है कि विवाद को सुलझाने के मौके को गंवाया नहीं जाना चाहिए. न्यूयॉर्क में हुई मुलाकात के बाद जर्मन विदेश मंत्री ने कहा, "बहुत से प्रस्ताव बातचीत की मेज पर हैं, अब समय आखिरकार विवाद को खत्म करने का मौका है." पश्चिमी देशों को शक है कि ईरान नागरिक परमाणु कार्यक्रम के साए में अपने परमाणु बम के विकास पर काम कर रहा है. ईरान की सरकार इससे इनकार करती है.

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के सालाना सम्मेलन के हाशिए पर हुई 45 मिनट की मुलाकात के बाद श्टाइनमायर ने कहा कि ईरान के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बातचीत में प्रगति हुई है, "अब उसे पूरा करने का वक्त आ गया है." साथ ही उन्होंने वार्ता में शीघ्र कोई मोड़ आने की उम्मीदों को नकार दिया. उन्होंने कहा, "अब भी बचा हुआ रास्ते का आखिरी हिस्सा संभवतः सबसे मुश्किल है. अभी और बाधाओं को पार करना है."

ईरान के साथ परमाणु वार्ता में सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के अलावा जर्मनी भाग ले रहा है. न्यूयॉर्क में महासभा के दौरान भी इन देशों के प्रतिनिधि परमाणु विवाद पर बातचीत कर रहे हैं. बातचीत को 24 नवम्बर तक पूरा किया जाना है, हालांकि समय सीमाएं पहले भी बढ़ाई जा चुकी हैं. जर्मन विदेश मंत्री ने इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों के मजबूत होने को रोकने में ईरान के प्रयासों की तारीफ की और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ईरान को पता है कि ऐसे समय में वार्ता के टूटने की अनुमति नहीं होनी चाहिए.

इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति रोहानी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए दुनिया भर में आतंकवाद के मजबूत होने के लिए पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहराया. अपने देश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को उन्होंने एक नरमपंथी औक आजाद देश के खिलाफ रणनैतिक गलती बताया.

एमजे/एजेए (डीपीए)