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बातों का मरहम लेकर हिरोशिमा जाएंगे ओबामा

१० मई २०१६

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के रूप में पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति हिरोशिमा जा रहा है. वहां जाकर वे शांति का संदेश देंगे और बताएंगे कि परमाणु हथियार इंसानियत के लिए कितने खतरनाक हैं. लेकिन वे माफी नहीं मांगेंगे.

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USA Treffen japanischer Premierminister Shinzo Abe mit Obama
तस्वीर: Reuters/K. Lamarque

जापान के हिरोशिमा की धरती के बारे में तो यह भी नहीं कहा जा सकता कि यह लाखों लोगों के खून से सनी है क्योंकि जिस तरह वे लाखों लोग मारा गए, उनका खून भी भाप बनकर उड़ गया था. जो बचा वह इंसानियत की राख थी. इंसानियत के इस सबसे बड़े कत्ल के लिए जिम्मेदार देश अमेरिका का कोई राष्ट्रपति पहली बार उस तबाही का मंजर देखने हिरोशिमा जाएगा. बराक ओबामा इस महीने के आखिर में हिरोशिमा जाएंगे.

व्हाइट हाउस और जापान के प्रधानमंत्री ने इस बात की पुष्टि की है कि बराक ओबामा हिरोशिमा का दौरा करेंगे. ओबामा को वियतनाम का दौरा करना है जिसके बाद उन्हें जी7 की शिखर भेंट के लिए जापान जाना है. इसके बाद ओबामा हिरोशिमा जाएंगे. व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति की उस प्रतिबद्धता को दिखाता है जो उन्होंने परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया बनाने के लिए दिखाई है.

Japan G7-Minister besuchen Atombomben-Mahnmal in Hiroshima
जी7 के विदेश मंत्री हिरोशिमा स्मारक परतस्वीर: Reuters/Kyodo

अमेरिका ने दूसरे विश्व युद्ध के आखिर में हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराया था. तब से अब तक कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर रहते हुए वहां नहीं गया है. इस लिहाज से यह दौरा अहम माना जा रहा है. लेकिन व्हाइट हाउस पहले ही कह चुका है कि ओबामा माफी नहीं मांगेंगे. बीते हफ्ते एक बयान में कहा गया था कि 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर परमाणु बम हमले के लिए बराक ओबामा माफी नहीं मांगेंगे. इस हमले में दसियों हजार लोग तो कुछ पलों में ही खाक हो गए थे. एक साल के भीतर मरने वालों की तादाद एक लाख 40 हजार को पार कर गई थी. ऐसी तबाही मचाने के तीन दिन बाद ही अमेरिका ने एक और बम नागासाकी पर गिराया था. 9 अगस्त 1945 के उस हमले में 40 हजार लोग पहले ही दिन मारे गए थे. सालभर में मरने वालों की संख्या 74 हजार तक पहुंच गई थी. आज भी इन शहरों में परमाणु विकिरण का असर दिखाई देता है.

वैसे इस साल अप्रैल में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी हिरोशिमा का दौरा कर चुके हैं. वह जी7 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने जापान गए थे और उसी दौरान उन्होंने हिरोशिमा में एक स्मारक की नींव रखी थी. बम गिराने के सात दशक के दौरान हिरोशिमा की यात्रा करने वाले तब वह सबसे बड़े अमेरिकी अधिकारी थे. उसके कुछ ही हफ्ते बाद ओबामा वहां जा रहे हैं. जाहिर है, अमेरिकी राष्ट्रपति बातों से उन जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश तो करेंगे जो दशकों बाद भी हरे हैं. लेकिन बातों के मरहम से वे जख्म भर पाएंगे, वह भी तब जब माफी मांगने से पहले ही साफ इनकार किया जा चुका है?

वीके/एमजे (डीपीए)