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बिना कीमोथैरेपी के इलाज

६ जनवरी २०१५

वैज्ञानिक घातक पैंक्रियाज कैंसर का बिना कीमोथैरेपी के इलाज करने में सफल हो रहे हैं. वे अल्ट्रासाउंड तकनीक और ताप की मदद से कैंसर को मार रहे हैं. इस रिपोर्ट के साथ ही और भी बहुत कुछ है इस बार के मंथन में.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

मंथन 118 में इस बार

विज्ञान

पैंक्रियाज़ या फिर अग्नाशय, हमारे पेट में मौजूद एक छोटा सा अंग है. महज छह इंच के आकार वाले पैंक्रियाज़ का काम होता है खाना पचाने में मदद करना और ब्लड शुगर संतुलित रखना. जब भी हम कुछ खाते हैं तो पैंक्रियाज़ कुछ इस तरह के एंजाइम पैदा करता है जो पाचन के लिए जरूरी हैं. साथ ही यह इंसुलिन भी पैदा करता है. इसी पैंक्रियाज़ में अगर कैंसर हो जाए तो कोई इलाज काम नहीं आता.

इबोला वायरस का पता एक जर्मन वायरलॉजिस्ट ने दो रिसचर्रों के साथ मिलकर आज से 40 से पहले लगाया. तब इसके लिए वैक्सीन बनाने की शुरुआत भी हुई. वैक्सीन का जानवरों पर परीक्षण सफल रहा. लेकिन इसके बावजूद गरीब देशों के लिए दवा विकसित करने में आने वाले अथाह खर्च के चक्कर में इंसान के लिए दवा नहीं बनाई गई. अब उस पुराने तरीके के सहारे इबोला से लड़ने की तैयारी हो रही है.

पर्यावरण

इन दिनों बाजार में कई नई नई तरह की सब्जियां देखने को मिलती हैं.. सुकीनी, ब्रॉकली, ऐस्पैरेगस और ना जाने क्या क्या. दुकानदार से पूछो कि यह क्या है तो जवाब आता है, इंपोर्टेड सब्जी है. इन इंपोर्टेड फल सब्जियों को लाने में खर्चा तो आता ही है, नुकसान क्या क्या होते हैं, आइए जानें.

भारत में औसतन एक गाय साल भर में करीब एक हजार लीटर दूध देती है. वहीं जर्मनी और अमेरिका में दस हजार लीटर. कम वक्त में जितना ज्यादा दूध, मुनाफा भी उतना ही ज्यादा. हरियाणा के कई फार्मों में विदेशी ब्रीड की गायों की डिमांड बढ़ गयी है. कहा जाता है कि ये ज्यादा खाती हैं. पर सच्चाई यह है कि इन्हें ज्यादा खिलाया जाता है और महज पांच साल की उम्र तक इनकी जान चली जाती है.

जीवनशैली

कंप्यूटर पर जब आप कोई भी तस्वीर सेव करते हैं, तो कई तरह के ऑप्शन आते हैं, JPG, PNG, GIF. जीआईएफ या फिर गिफ फॉर्मेट सत्ताईस साल पुराना है और वैसे तो इसमें कोई खास बात नहीं है, लेकिन तुर्की का एक कलाकार इसे जिस तरह से इस्तेमाल कर रहा है, वह बहुत खास है.

म्यूजियम में, प्रदर्शनी में जाना कभी कभार बहुत बोरिंग लगता है. लेकिन अगर इनमें एक से एक कारें देखने को मिलें, तब तो जरूर मन करेगा, मंथन के इस अंक में चलेंगे कारों की एक ऐसी प्रदर्शनी में. तो देखना न भूलिए, मंथन शनिवार सुबह 11 बजे, डीडी नेशनल पर.