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बुंडेसलीगा में टॉप पर डोर्टमुंड

२१ नवम्बर २०१०

जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा में डोर्टमुंड जबरदस्त फॉर्म में है. सात बार लगातार विरोधी टीम के मैदान पर जीतने के बाद नंबर वन पर टिके डोर्टमुंड के पास अब चैंपियनशिप में सात अंक की बढ़त भी है.

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तस्वीर: picture-alliance/Pressefoto ULMER/Claus Cremer

डोर्टमुंड ने फ्राइबुर्ग को 2-1 से हराया. लेकिन काफी समय तक ऐसा नहीं लग रहा था कि कोच युएर्गन क्लोप की टीम लगातार छह बार विरोधी टीम के मैदान पर जीतने के बाद इस बार भी जीत पाएगी. क्लोप ने मैच के बाद कहा कि उन्होंने अपनी टीम से हाफ टाइम में कहा कि वह ऐसा प्रदर्शन कर रही है जिस पर हंसी और तरस आता है.

दरअसल मात्स हुमल के खुद गोल करने की वजह से रैंकिंग में काफी नीचे रही टीम फ्राइबुर्ग 1-0 से आगे निकल गई थी. लेकिन फुटबॉल एक ऐसा खेल है जिसमें सब कुछ संभव है. 75वें मिनट में रोबर्ट लेवांडोव्सी ने डोर्टमुंड के लिए गोल दागा. और उसके बाद ही फ्राइबुर्ग के मंसूर मुजदा से भारी गलती हुई. 78वें मिनट में उन्होंने भी खुद गोल किया जिसकी वजह से डोर्टमुंड अंत में 2-1 से जीत गया. डोर्टमुंड के कोच क्लोप का कहना है कि उनकी टीम ने सेकंड हाफ में फ्राइबुर्ग पर दबाव बढाया भी बहुत था. क्लोप के मुताबिक इसलिए उनकी टीम जीत के काबिल भी है.

बायर्न म्यूनिख फिर निराश

जर्मनी की सबसे मशहूर टीम बायर्न म्यूनिख को एक बार फिर निराशा झेलनी पडी. अतीत में 17 बार चैंपियन बनी म्यूनिख ने बायर लेवरकूजेन के खिलाफ 1-1 का ड्रॉ ही खेला. इसकी वजह से बायर्न चैंपियनशिप के 13वें हफ्ते में सिर्फ 8वें स्थान पर ही है.

इसके अलावा बायर्न म्यूनिख को आने वाले दिनों में चैंपियंस लीग में ऐएस रोम जैसे यूरोप के सर्वश्रेष्ट क्लबों में गिने जाने वाले क्लब के खिलाफ मैदान पर उतरना है. इसलिए लेवरकूजेन के खिलाफ जीत मानसिक रूप से बेहद जरूरी थी. म्यूनिख के बास्टियान श्वाईंस्टाइगर ने मैच के बाद कहा कि उनकी टीम ने जीत को अपने हाथों से फिसलने दिया और कहा कि इस तरह की गलतियों से सीख पाकर अब बचना जरूरी है.

राऊल का जादू

35 साल के स्पेन के स्ट्राइकर राऊल ने नए बुंडेसलीगा सीजन शुरू होने के पहले एलान किया कि वह अपना करियर जर्मनी में समाप्त करना चाहते हैं. उस वक्त सब उन पर खूब हंसें. शाल्के क्लब का भी मजाक उडाया गया था क्योंकि वे एक ऐसे खिलाड़ी को अपनी टीम में बुला रहे हैं जो बहुत पहले शिखर छोड़ चुके हैं. लेकिन ब्रेमेन के खिलाफ मैच में राऊल ने अपना दम दिखाया और यह साबित किया कि उन्हें क्यों एक जमाने में दुनियाभर के सर्वश्रेष्ट स्ट्राइकरों में गिना जाता था.

लेवरकूजेन को 4-0 से रौंदने में उनका बडा हाथ था क्योंकि चार में से तीन गोल राऊल ने दागे. ब्रेमेन के फिलिप बार्गफ्रेदे को लाल कार्ड भी दिखाया गया जिसकी वजह से ब्रेमेन के पास कुछ समय के लिए 11 नहीं सिर्फ 10 खिलाड़ी ही थे.

शनिवार के दूसरे मैचों में हॉफेनहाईम ने फ्रैंकफर्ट को 4-0 से हराया. इसके अलावा हैनोवर ने हैंबर्ग को 3-2 से मात दी. काइज़र्सलाउटर्न और न्यूरेम्बर्ग के बीच मैच का नतीजा 1-3 और मोएंचेनग्लाडबाख व माइंत्स के बीच मैच का नतीजा 2-3 रहा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/प्रिया एसेलबोर्न

संपादन: ए कुमार

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