बेनजीर कांडः दो बड़े पुलिस अधिकारी गिरफ्तार
२३ दिसम्बर २०१०इस मामले की सुनवाई कर रहे जज राना निसार अहमद ने रावलपिंडी के आदियाला जेल में शहर के पूर्व पुलिस प्रमुख सऊद अजीज और पूर्व एसपी खुर्रम शहजाद की जमानत की याचिकाएं खारिज कर दीं और उन्हें गिरफ्तार करने का हुक्म सुनाया.
इससे पहले फेडरल जांच एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में इन दोनों पुलिस अधिकारियों के नाम का जिक्र किया और कहा कि जांच के लिए इनकी गिरफ्तारी जरूरी है. सरकारी वकीलों का कहना था कि ये दोनों पुलिस अधिकारी बेनजीर भुट्टो को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दे पाए, जिसकी वजह से 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में एक रैली के दौरान उनकी हत्या कर दी गई.
उन्होंने भुट्टो का पोस्ट मॉर्टम न कराने के फैसले पर भी सवाल उठाया. बेनजीर के पति और मौजूदा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अजीज से अनुरोध किया था कि पोस्ट मॉर्टम न हो. हत्या के फौरन बाद तेज धार पानी की बौछारों से उस जगह को धो दिया गया. इस पर भी सवाल उठे हैं. अजीज ने ऑडियो रिकॉर्डिंग अदालत में पेश की, जिसमें जरदारी पोस्ट मॉर्टम न कराने की गुजारिश कर रहे हैं लेकिन जज ने इस सबूत को नहीं माना.
अभियोजन पक्ष ने कहा कि जांच में तेजी तभी आ सकती है, जब इन दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाए. इस मामले की अगली सुनवाई सात जनवरी को होगी. आतंकवाद निरोधी अदालत बेनजीर भुट्टो की हत्याकांड में पांच संदिग्ध तालिबान के हाथ होने की जांच कर रहे हैं. इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि भुट्टो को बचाया जा सकता था. इस रिपोर्ट में भी पाकिस्तान पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि किस तरह कोई पुलिसवाला अपराध की जगह को पानी से धो सकता है, जिससे सारे सबूत मिट जाएं.
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः वी कुमार