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बेसुध और स्तब्ध नेपाल

१ मई २०१५

नेपाल में राहत अभियान में जुटे हेलीकॉप्टर पायलट जब नीचे देखते हैं तो एक जगह हाथ फैलाते लोग और दूसरी जगह कई जलती चिताएं दिखती हैं. नेपाल स्तब्ध है.

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तस्वीर: AFP/Getty Images/M. Vatsyayana

नेपाल में ज्यादातर लोगों को समझ ही नहीं आ रहा है कि अब आगे क्या किया जाए. वहां पहुंची समाचार एजेंसी एएफपी की वीडियो रिपोर्टर आनेस बन के मुताबिक, "लोग जमीन की तरफ ही नजर टिकाए हुए दिख रहे हैं, वे अपना गम छुपाने की कोशिश कर रहे हैं. जब कोई चीखता या रोता है, तभी पता चलता है कि किसी को मदद की जरूरत है."

राहतकर्मी अब तक राहत अभियान से कटे रहे पहाड़ी इलाकों का रुख कर रहे हैं. सड़कें बंद हैं. कई जगह सिर्फ हेलीकॉप्टर से पहुंचा जा रहा है. पहाड़ी इलाकों के गांवों में तबाही हैरान करने वाली है. गांव के गांव उजड़ चुके हैं. अब तक 6,200 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है. करीब 14,000 लोग जख्मी हैं. नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने मृतकों की संख्या 10 हजार के पार जाने की आशंका जताई है.

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गांवों में इस तरह की तबाही हुई हैतस्वीर: AFP/Getty Images/S. Hussain

नेपाल में 25 अप्रैल को 7.8 तीव्रता का भूंकप आया था. मृतकों की बढ़ती संख्या और गर्म मौसम के चलते अब महामारी फैलने का खतरा बहुत ज्यादा है. राहत और बचाव के काम में लगे भारतीय अर्धसैनिक बल के अधिकारी रमन लाल के मुताबिक, "मुर्दाघर क्षमता से ज्यादा भरे हुए हैं और हमने निर्देश दिये हैं कि मलबे से निकाले गए शवों को तुरंत फूंका जाए."

मदद अब धीरे धीरे दूर दराज के इलाकों तक पहुंचने लगी है. राहत कर्मियों के मुताबिक मलबे से अब शवों की दुर्गंध आने लगी है. जो लोग बच गए हैं वो भी दुर्गंध की वजह से घर नहीं लौट पा रहे हैं.

कुछ जगहों पर राहत अभियान में दिक्कतें भी आ रही हैं. सिंदूपालचौक समेत कुछ अन्य जिलों में भूखे लोगों ने राहत सामग्री के ट्रक लूटने की कोशिश की है. एक गांव में राहत कार्य में जुटे हेलीकॉप्टर पायलट को भी कुछ देर तक बंधक बना लिया गया. पायलटों के मुताबिक गांवों में बड़ी संख्या में लोग हेलीकॉप्टर से लिफ्ट किये जाने का इंतजार कर रहे हैं. हेलीकॉप्टर पहुंचते ही भीड़ बेकाबू हो जा रही है.

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एक बच्चे का मलबे से सुरक्षित निकालने का जश्न मनाते लोगतस्वीर: Reuters/N. Chitrakar

ज्यादातर लोग अब भी खुले मैदान में सो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक छह लाख घर तबाह हो चुके हैं और 80 लाख लोग प्रभावित हैं. 20 लाख लोगों को अगले तीन महीने के लिए टेंट, पानी, खाने और दवाओं की जरूरत है. वित्त मंत्री राम शरण महत के मुताबिक घर, अस्पताल, सरकारी भवन और ऐतिहासिक इमारतों को बनाने में दो अरब डॉलर का खर्च आएगा. नेपाल ने दुनिया भर से मदद की अपील की है.

ओएसजे/आरआर (रॉयटर्स, एएफपी)