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मंथन 150 में खास

१६ सितम्बर २०१५

साइंस के खास शो मंथन में इस बार जानिए साल्मोनेला बैक्टीरिया के बारे में. साथ ही बात गूगल ग्लास और लेजर तकनीक की भी.

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तस्वीर: Imago/Science Photo Library

मंथन 150 में खास

साल्मोनेला बैक्टीरिया की एक किस्म है, जो इंसानों और जानवरों के पेट और आंतों में पाया जाता है. बैक्टीरिया से इंफेक्शन के कारण उल्टी, दस्त और तेज भुखार होता है. अधिकतर लोगों को इस बैक्टीरिया से खतरा नहीं होता. लेकिन बच्चों और बूढ़ों में कमजोर इम्यून सिस्टम के चलते ये जयादा असरदार हो जाते हैं. कई मामलों में तो इस कारण मरीज की जान भी चली जाती है. मंथन की खास रिपोर्ट में इस बार जानिए कि वैज्ञानिक किस तरह इस बैक्टीरिया का इस्तेमाल कैंसर के इलाज के लिए कर रहे हैं.

क्या है लेजर तकनीक

कुछ ही दशक पहले लेजर को साइंस फिक्शन माना जाता था. लेकिन आज लेजर बीम का इस्तेमाल स्टील काटने, आंखों के ऑपरेशन और हाई स्पीड डाटा को रीड और ट्रांसमिट करने के लिए किया जा रहा है. लेजर बीम देखने में भली ही मामूली लगे लेकिन इसके पीछे प्रकाश और भौतिक विज्ञान के कई सिद्धांत छुपे रहते हैं. क्या आप जानते हैं कि लेजर की खोज 1960 के दशक में हुई और यह एक शब्द नहीं, बल्कि पांच शब्दों का मेल है. लेजर तकनीक के अनोखे तथ्यों को जानने के लिए देखें मंथन की खास रिपोर्ट.

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लेजर बीम का विज्ञानतस्वीर: picture-alliance/dpa

गूगल ग्लास का खतरा

जेब में स्मार्टफोन, हाथ में स्मार्टवॉच और चेहरे पर स्मार्ट ग्लास, इंसान का भविष्य इसी दिशा में बढ़ रहा है. ये मशीनें हमारी सेहत और दिलचस्पियों पर नजर रखने लगी हैं. यही वजह है कि ये बाजार एक अरब डॉलर का होने जा रहा है. लेकिन क्या आप इनको इस्तेमाल कर अपनी डाटा सुरक्षा से समझौता करने को तैयार हैं? मंथन में जानिए कि कैसे गूगल ग्लास और स्मार्टवॉच जैसे डिवाइस आपकी डाटा सुरक्षा में सेंध लगा रहे हैं.

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गूगल ग्लासतस्वीर: picture alliance/ZUMA Press

जमीन में नमक

सेनेगल की जमीन में इतना नमक मिल गया है कि वहां खेती करना मुश्किल होता जा रहा है. मंथन की इस रिपोर्ट में जानिए कि आखिर यह समस्या खड़ी कैसे हुई और इससे निपटने के लिए वहां क्या कदम उठाए जा रहे हैं.

साथ ही होगी फ्रांस की सीमा से सटे जर्मन शहर कार्ल्सरूहे की सैर, जो अपना 300वां जन्मदिन मना रहा है. पिछली तीन शताब्दियों में इस शहर ने कई बदलाव देखे हैं. शासक कार्ल विल्हेल्म के विशाल महलों से अब ट्रैम और मेट्रो तक, एक नज़र कार्ल्सरूहे के सफर पर. देखना ना भूलें मंथन शनिवार सुबह 11 बजे डीडी नेशनल पर.