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ब्राज़ील रसगुल्ले और अर्जेंटीना संदेश

१ जुलाई २०१०

फ़ुटबॉल विश्वकप का रसगुल्ले और संदेश से क्या लेना-देना हो सकता है. अगर शहर का नाम कोलकाता हो, तो ज़रूर ऐसा हो सकता है. वहां मिठाइयों की दुकानों में ब्राज़ील और अर्जेंटीना बिक रहे हैं.

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कोलकाता में विश्वकप का जोशतस्वीर: DW

पश्चिम बंगाल और खासकर राजधानी कोलकाता अपनी मिठाइयों और फुटबाल प्रेम के लिए मशहूर है. यहां के रसदार रसगुल्ले और संदेश नामक सूखी मिठाई तो हर बंगाली घर की पहली पसंद है. और जब कोलकाता के लोगों पर विश्वकप का गहरा रंग चढ़ा हो तो भला मिठाइयां इससे अछूती कैसे रह सकती हैं? यही वजह है कि इस समय कोलकाता में मिठाई की कई दुकानों में ब्राज़ील रसगुल्ले के अलावा अर्जेंटीना संदेश और विश्वकप के शुभंकर की शक्ल वाले संदेश बिक रहे हैं. यही नहीं, अर्जेंटीना और ब्राज़ील के झंडों और जर्सियों के रंग और शक्ल वाली मिठाइयां भी काफी बिक रही हैं. यानी विश्वकप ने बंगाल की मिठाइयों के नाम ही नहीं, बल्कि उनका हुलिया तक बदल दिया है.

Fußball WM Stimmung in Kalkutta Indien
तस्वीर: DW

हां, एक चीज जो नहीं बदली है वह है उनकी मिठास.

कोलकाता के मां गंधेश्वरी स्वीट्स ने विश्वकप के मौके पर नए रंग-रूप और नाम वाली इन मिठाइयों को बनाने की योजना बनाई थी और अब यह मिठाइयां हॉटकेक की तरह बिक रही हैं. बच्चे तो बच्चे, बूढ़े भी इन खास मिठाइयों के दीवाने हैं. दुकान के मालिक केष्टो हालदार बताते हैं यहां के लोग फुटबाल और मिठाइयों के प्रेमी हैं. इसलिए हमने विश्वकप के मौके पर उससे जुड़ी नई मिठाई बनाने की सोची. अब यह काफी बिक रही हैं.

ब्राज़ील और अर्जेंटीना रसगुल्ले पांच-पांच रुपए में बिक रहे हैं. इन देशों के झंडे और जर्सी की शक्ल वाले संदेश की कीमत पांच से पच्चीस रुपए तक है. शुभंकर संदेश कुछ महंगा है. यह साइज के मुताबिक 20 से 50 रुपए प्रति पीस है. हालदार बताते हैं कि रोजाना दो से तीन सौ पीस तक मिठाइयां बिक रही हैं.

इन मिठाइयों की ब्रिकी से उत्साहित हालदार ने अब अर्जेंटीना के मेसी और ब्राज़ील के काका की शक्ल और कद-काठी की खोवे की मिठाई बनाने का फैसला किया है. हालदार बताते हैं कि इसके लिए लगभग डेढ़ सौ किलो खोवे की जरूरत होगी. इसमें 40 हजार रुपए खर्च होंगे. हालदार को उम्मीद है कि यह आदमकद मिठाई हाथोंहाथ बिक जाएगी. हालदार का दावा है कि उनकी मिठाइयां विशुद्ध खोवे से बनी है. उनमें ऐसे रंगों का इस्तेमाल किया गया है जिनसे शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचता.

उनकी दुकान पर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है. वहां सामान खरीद रहे सुमन गुप्ता कहते हैं कि उन्होंने इन नई मिठाइयों के बारे में मित्रों से सुना था. इसलिए वे खरीदने आए हैं.

तो अगर आपको भी ब्राज़ील रसगु्ल्ले और अर्जेंटीना संदेश या इनमें से किसी भी देश की जर्सी और झंडा खाने की इच्छा हो तो चल पड़िए कोलकाता की ओर.

रिपोर्ट: प्रभाकर मणि तिवारी, कोलकाता

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य