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ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में इस बार क्या बात होगी

१३ नवम्बर २०१९

ब्रिक्स देशों के नेता सालाना बैठक के लिए इस बार ब्राजील में जमा हो रहे हैं. ब्राजील के राष्ट्रपति बीते वक्त में चीन को बुरा भला कहते रहे हैं. ऐसे में सम्मेलन को लेकर चिंता बढ़ गई थी.

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Südafrika, Johannesburg: 10.ter BRICS-Gipfel
तस्वीर: Reuters/S. Sibeko

 

बुधवार को रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेता ब्राजील की राजधानी पहुंच रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के अलावा सदस्य देशों के नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे. ब्राजील के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने कहा, "मैं दूसरे ब्रिक्स नेताओं के साथ आर्थिक विकास और प्रगतिशील भविष्य के विषय पर होने जा रहे सम्मेलन में सदस्य देशों के साथ चर्चा और आपसी सहयोग को बढ़ाने पर बात करने का इंतजार कर रहा हूं." भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि पांचों देशों का लक्ष्य विज्ञान, तकनीक और उन्नति की दिशा में आपसी सहयोग को बढाना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छठी बार ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. 

Narendra Modi
तस्वीर: picture-alliance/dpa/TASS/M. Metzel

ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो बीते साल लगातार चीन के खिलाफ बोलते रहे. ऐसे में दोनों देशों के राजनयिकों के लिए इस साल ब्रिक्स देशों का सम्मेलन एक बड़ी चुनौती बन गया था. सिर्फ बोलना ही नहीं उन्होंने ताइवान की यात्रा भी की. हालांकि अब जब देश की बागडोर संभाले उन्हें 11 महीने बीत गए हैं तब बोल्सोनारो ने अपने रुख में नरमी दिखाई है और ऐसा लगता है कि चीन के साथ रिश्तों को उन्होंने संभाल लिया है.

यहां विकासशील देशों के संगठन ब्रिक्स की बैठक होनी है जिसकी मेजबानी बोल्सोनारो करेंगे. पांचों नेता अपने अपने देश की सुस्त होती अर्थव्यवस्था में निवेश को तेज करने पर ध्यान दे रहे हैं. साथ ही वेनेजुएला और बोलिविया जैसे मुद्दों पर अपनी असहमतियों को भी दरकिनार करने की कोशिश में हैं. सम्मेलन शुरू होने से पहले बोल्सोनारो चीनी राष्ट्रपति शी जिनिपिंग के साथ अलग से मिल रहे हैं.

चीन ब्राजील का सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार है और बीते साल दोनों देशों के बीच करीब 98.7 अरब अमेरिकी डॉलर का कारोबार हुआ. चीन दक्षिणी अमेरिका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बहुत सारा सामान खरीदता है. अमेरिका के साथ चल रही कारोबारी जंग की वजह से ब्राजील के सोयाबीन और दूसरे कृषि उत्पादों की मांग चीन में बहुत ज्यादा बढ़ गई है.

China Brasilien Präsident Bolsonaro in Peking
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Ikegami

बीते साल चुनाव अभियान के दौरान माहौल अलग था. तब बोल्सोनारो कहते फिर रहे थे, "चीन ब्राजील से खरीदारी नहीं कर रहा है वह ब्राजील को खरीद रहा है." चीन ने ब्राजील के 45 मांस संयंत्रों से निर्यात को मंजूरी दी है. बीते साल ब्राजील में तेल के लिए हुई एक बड़ी नीलामी में ब्राजील की सरकारी कंपनी के अलावा केवल चीन की दो सरकारी तेल कंपनियां को बोली लगाने की अनुमति मिली. चीन के वरिष्ठ अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद आपसी भरोसा और बढ़ेगा.

दोनों देशों के बीच वेनेजुएला को लेकर जो मतभेद रहे हैं उम्मीद की जा रही है कि उस पर इस बार की मुलाकात में चर्चा होगी और शायद असहमति के लिए सहमति बन जाए. इस पर चर्चा बंद दरवाजों के पीछे होगी. वेनेजुएला का रुख इस मामले में रूस और चीन से बिल्कुल अलग है. इसी तरह बोलिविया के मामले में ब्राजील ने राष्ट्रपति इवो मोरालेस के सत्ता छोड़ने का स्वागत किया है और देश में निष्पक्ष चुनाव का रास्ता साफ होने की बात कही है जबकि रूस इसे विद्रोह बता रहा है.

पिछले हफ्ते ब्राजील के राजनयिकों ने ब्रिक्स का एजेंडा सामने रखा जिसमें आतंकवाद और भ्रष्टाचार से लड़ने में सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का प्रमुखता से जिक्र है. हालांकि इन देशों के लिए सबसे अहम है इस गुट के डेवलपमेंट बैंक से बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ज्यादा धन मुहैया कराना ताकि विकास को बढ़ावा मिल सके. 2014 में इस बैंक का गठन किया गया था. इसके सक्रिय होने में काफी वक्त लग गया है जिससे सदस्य देशों की बेचैनी बढ़ गई है.

अब तक इस बैंक ने करीब 12.5 अरब डॉलर के परियोजनाओं को मंजूरी दी है लेकिन राजनयिकों का कहना है कि अब वक्त आ गया है जब भाषणों से आगे बढ़ कर विकास के लिए धन मुहैया कराने में तेजी लाई जाए. बैंक के अधिकारी, कारोबारी नेता और दूसरे लोगों के बीच बैंक के विस्तार को लेकर बातचीत की उम्मीद की जा रही है जिसके तहत नए सदस्यों को इसमें शामिल किया जाएगा. विस्तार का मकसद बैंक के लिए धन की उपलब्धता को बढ़ाना है. न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) को 50 अरब डॉलर की पूंजी के साथ शुरू किया गया था.

Südafrika | Xi Jinping spricht auf dem BRICS Summit
तस्वीर: Reuters/M. Hutchings

एनडीबी के प्रमुख एमवी कामथ ने कहा है कि बैंक की सदस्यता संयुक्त राष्ट्र में शामिल सभी देशों के लिए खुली है. इसका मकसद है ब्रिक्स और दूसरी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों में टिकाऊ विकास की परियोजनाओं के लिए धन की व्यवस्था करना. एमवी कामथ ने कहा, "चार सालों में एनबीडी ने लंबा रास्ता तय किया है, इसने जितना हासिल किया है उतना हमारे दूसरे संस्थानों को करने में कई दशक लग गए." बैंक ने अब तक 12.5 अरब डॉलर की कीमत वाली कुल 45 परियोजनाओं को मंजूरी दी है. केवल 2019 में ही 4.4 अरब डॉलर के 14 कर्जों को मंजूरी दी गई. इस साल के अंत तक उम्मीद की जा रही है कि यह 14-15 अरब डॉलर की परियोजनाओं को मंजूरी दे देगा.

ब्रिक्स देशों का संगठन संयुक्त राष्ट्र और दूसरे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विकासशील देशों के हितों की पुरजोर वकालत करने और सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था. हर साल इसकी बैठक होती है. पिछले साल दक्षिण अफ्रीका ने इस सम्मेलन की मेजबानी की थी. ब्रिक्स के पांच देशों की आबादी 3.1 अरब है जो दुनिया की कुल आबादी का करीब 41 फीसदी है. इसके पांच सदस्यों में से चार  दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं. पांचों देशों का सकल घरेलू उत्पाद करीब 18.6 ट्रिलियन डॉलर का है जो दुनिया की जीडीपी का करीब 23.2 फीसदी है.

एनआर/एमजे (रॉयटर्स)

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