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भारतीय ड्राइवर चंडोक बाल बाल बचे

१६ मई २०१०

भारत के फर्राटा रेस ड्राइवर करुण चंडोक मोनाको ग्रां प्री में बाल बाल बच गए. बेहद मुश्किल ट्रैक पर हुई इस रेस को चंडोक पूरी करते दिख रहे थे. लेकिन ऐन मौके पर यार्नो ट्रूली की कार ने उन्हें जबरदस्त टक्कर मार दी.

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भारतीय ड्राइवर करुण चंडोकतस्वीर: AP

मोनाको ग्रां प्री की ट्रैक बिलकुल रिहायशी इलाकों के बीच स्थित है और इसमें कुछ बेहद खतरनाक मोड़ शामिल हैं. ऐसे ही एक मोड़ पर ट्रूली भारतीय ड्राइवर को ओवरटेक करने की कोशिश कर रहे थे. चंडोक ने तो अपनी कार एक तरफ को कर ली लेकिन ट्रूली अपनी कार पर नियंत्रण नहीं रख पाए और दोनों कारें बिलकुल मोड़ पर एक दूसरे से टकरा गईं. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रूली की कार उछल कर चंडोक की कार के ऊपर आ गिरी और अगर वक्त रहते चंडोक ने अपना सिर नीचे न झुकाया होता, तो कुछ भी हो सकता था. टक्कर के बाद कार में हल्की आग लग गई और वहां इमरजेंसी सर्विस वालों को आग बुझानी पड़ी.

Formel 1 Monace 2010 Unfall Hulkenberg Flash-Galerie
तस्वीर: AP

इस टक्कर के बाद दोनों ड्राइवरों को रेस छोड़ देनी पड़ी और इमरजेंसी कारों ने आकर रास्ता साफ किया. चंडोक बेहद खुशकिस्मत रहे कि वक्त पर उन्होंने अपना सिर झुका लिया लेकिन उन्हें इस बात का अफसोस है कि वह रेस पूरी नहीं कर पाए. चंडोक ने बताया कि ट्रूली ने उनसे माफी मांग ली है लेकिन साथ ही कहा कि यह रेस उनकी अब तक की सबसे अच्छी रेस थी और वह इसे पूरा करना चाहते थे.

कुल 78 लैप की इस रेस में हादसा 74वें लैप में हुआ. यानी रेस बस खत्म ही हुआ चाहती थी. चंडोक का कहना है कि नई टीमों में वह सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे और आखिरी नंबर पर ही सही लेकिन अच्छी कार चला रहे थे. तंग रास्तों की वजह से मोनाको ग्रां प्री बेहद मुश्किल माना जाता है और 24 ड्राइवरों में से सिर्फ 12 ही रेस पूरी कर पाए. हिस्पानिया ड्राइवर करुण चंडोक पहली बार फॉर्मूला वन सीजन में भाग ले रहे हैं लेकिन अभी तक कोई अंक हासिल नहीं कर पाए हैं.

मोनाको ग्रां प्री ऑस्ट्रेलिया के मार्क वेबर ने जीती, जबकि जर्मनी के सेबेस्टियान फेटेल दूसरे नंबर पर रहे.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह