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भारतीय दवा के लिए इतने बेताब क्यों हैं ट्रंप

आदित्य शर्मा
७ अप्रैल २०२०

हाइड्रोक्सीक्लोरोकिन को ईश्वर का तोहफा बताने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत को चेतावनी देते हुए, इसकी सप्लाई भेजने को कहा है.

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Indien | Donald Trump auf Staatsbesuch in Indien neben Narendra Modi
तस्वीर: Reuters/A. Drago

भारत दुनिया में जेनेरिक दवाओं का मुख्य सप्लायर है. एंटी मलेरिया ड्रग, हाइड्रोक्सीक्लोरोकिन भी इन दवाओं में शामिल है. लेकिन फिलहाल भारत ने इस दवा का निर्यात बैन कर रखा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को लगता है कि यह दवा शायद कोविड-19 का उपचार कर सकती है.

दवा के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को चेतावनी दी. मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोकिन को नॉवल कोरोना वायरस के खिलाफ भी टेस्ट किया जा रहा है.

बुरी तरह कोरोना वायरस की चपेट आए देश अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय की प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "मैंने उनसे (भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) से रविवार सुबह बात की, मैंने कहा कि अगर आप हमारी सप्लाई (हाइड्रोक्सीक्लोरोकिन) को आने देंगे तो हम इसकी तारीफ करेंगे. अगर वह इसे नहीं आने देते हैं तो भी ठीक है, लेकिन निश्चिति तौर पर जवाबी कदम उठाए जा सकते हैं. ऐसा क्यों न किया जाए.”

भारत ने कोरोना वायरस के दुनिया में फैलने के साथ ही इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन अब नई दिल्ली में अधिकारी इस फैसले को लचीला बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच सरकार ने कहा है कि जिन देशों में हालात बहुत खराब हैं, वहां यह दवा भेजी जाएगी.

क्या है हाइड्रोक्सीक्लोरोकिन

हाइड्रोक्सीक्लोरोकिन एक सस्ती दवा है, जिसका इस्तेमाल मलेरिया, रॉमैटोएड आर्थराइटिस और लूपस के इलाज में किया जाता है. यह दवा इम्यून सिस्टम के ओवर रिएक्शन को कम करती है. फ्रांस और चीन में शुरुआती शोधों में कोविड-19 के मरीजों में भी इसका सकारात्मक असर देखा गया.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बीते हफ्ते ट्विटर पर एलान करते हुए कहा कि यह दवाओं के इतिहास में सबसे बड़ी खोजों में से एक हो सकती है. अमेरिका में कोरोना वायरस के मामले हर तीसरे चौथे दिन दोगुने होते जा रहे हैं. देश में कोविड-19 अब तक करीब 11 हजार जानें ले चुका है. संक्रमण के कुल मामले पौन चार लाख के पास पहुंच चुके हैं.

हालांकि वैज्ञानिकों को लगता है कि अभी इतने पक्के सबूत नहीं मिले हैं कि इस दवा को बड़े पैमाने पर कोविड-19 के खिलाफ इस्तेमाल किया जाए. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर पैट्रिस क्रिस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस दवा के गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं.

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